लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन व नेतृत्व में अयोध्या की प्राचीन संस्कृति, विरासत व परम्पराओं को अक्षुण्ण रखते हुए विकास किया जा रहा है. सभी आधुनिक सुविधाओं का समावेश कर सर्वांगीण विकास किया जाना हमारी प्राथमिकता है. केंद्र सरकार के सहयोग से अयोध्या के समग्र विकास के लिए पूरी प्रतिबद्धता से काम किया जा रहा है. उन्होंने अन्तर्विभागीय समन्वय के साथ अयोध्या के विकास से जुड़े सभी विभागों को तेजी से कार्य करने के निर्देश दिए हैं.
सोलर सिटी के रूप में विकसित होगी राम नगरी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को यहां अपने सरकारी आवास पर अयोध्या के विजन डॉक्यूमेंट, कार्यान्वयन रणनीति एवं समेकित अवसंरचना विकास योजना के संबंध में प्रस्तुतीकरण देखा. उन्होंने कहा कि अयोध्या के धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व को देखते हुए इसे विश्वस्तरीय धार्मिक, वैदिक व सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जाना है. सीएम ने निर्देश दिए कि इसे निर्धारित समय में पूर्ण किया जाए. सभी विकास कार्यों को एक दीर्घकालिक दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ाना होगा. मुख्यमंत्री ने विजन डाॅक्यूमेंट के संबंध में सुझाव व आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए संशोधनों के साथ इसे शीघ्र प्रस्तुत किए जाने के निर्देश दिए.
वैश्विक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो अयोध्या
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अयोध्या को सनातन परम्परा के अनुसार आध्यात्मिक केन्द्र, वैश्विक पर्यटन स्थली और सस्टेनेबल नगरी के रूप में विकसित किया जाए. अयोध्या के विकास से यह धाम वैश्विक पहचान स्थापित करते हुए अपने मौलिक, धार्मिक, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक व आध्यात्मिक स्वरूप के साथ उभरेगा. उन्होंने कहा कि जलाशयों का संरक्षण, इण्टेलीजेण्ट ट्रैफिक मैनेजमेण्ट सिस्टम, पशु संरक्षण, बाहरी रिंग रोड और अन्य सड़क परियोजनाओं, सोलर सिटी, वृक्षारोपण, नई रोजगार गतिविधियों आदि के लिए कार्य योजना बनाकर तेजी से कार्यवाही की जाए.
दुकानदारों से संवाद कर भूमि अधिग्रहण जल्द हो
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अयोध्या की विकास परियोजनाओं के संबंध में भूमि अधिग्रहण के मामलों को शीघ्र निस्तारित किया जाए. प्रभावित दुकानदारों व निवासियों के व्यवस्थित पुनर्वास की व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं. इस संबंध में दुकानों और आवासों की उपलब्धता की योजना बनाकर कार्यवाही की जाए. उन्होंने कहा कि जल निकासी, अण्डरग्राउण्ड केबलिंग के लिए यूटिलिटी डक्ट की व्यवस्थाएं पूर्व से ही सुनिश्चित कर ली जाएं, जिससे सड़कों की बार-बार खुदाई न करनी पड़े.