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तैयारी ऐसी हो जिससे किसी भी वायरस से लड़ने में सक्षम बने यूपी: योगी

सीएम योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के कई चिकित्सा संस्थानों के प्रतिनिधियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की. जिसमें सीएम ने कोरोना से निपटने के लिए टेस्टिंग की क्षमता बढ़ाने पर जोर दिया.

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सीएम योगी आदित्यनाथ

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Published : Apr 18, 2020, 12:46 AM IST

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए टेस्टिंग प्रक्रिया को तेज करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में टेस्टिंग प्रक्रिया क्षमता को अभी और बढ़ाना होगा. मुख्यमंत्री ने शुक्रवार की शाम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विभिन्न संस्थानों के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि भविष्य को ध्यान में रखकर काम करना होगा. ऐसी तैयारी होनी चाहिए कि कोरोना हो या कोई और वायरस हम उससे लड़ने में सक्षम हों.

केजीएमयू में पूल टेस्टिंग का कार्य प्रारम्भ

इसके साथ ही सीएम ने बताया कि, केजीएमयू में पूल टेस्टिंग का कार्य प्रारम्भ हो चुका है. 23 मार्च को प्रदेश में टेस्टिंग की क्षमता एक दिन में 72 थी जो आज बढ़कर लगभग तीन हजार हो चुकी है.

टेस्टिंग प्रक्रिया को तेज करने पर जोर
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के संक्रमण पर नियंत्रण पाने के लिए टेस्टिंग की चुनौती को स्वीकार करते हुए टेस्टिंग प्रक्रिया को भी तेज करना होगा. साथ ही मेडिकल इन्फेक्शन को भी रोकना होगा. इसके लिए सभी सावधानियां बरती जाएं. इसके साथ ही सीएम ने प्रदेश के सभी 18 मंडलों के 24 राजकीय मेडिकल कॉलेजों में 11 वायरोलॉजी लैब स्थापित किए जाने की दिशा में काम करने का निर्देश दिया. सीएम ने कहा कि, इसके लिए धनराशि की कोई कमी नहीं है.

'टेस्टिंग लैब स्थापित करने के हो रहे प्रयास'
इसके साथ ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने बताया कि, 14 संस्थानों में कोरोना की टेस्टिंग की जा रही है. जिन मंडलों में राजकीय मेडिकल कॉलेज नहीं हैं, वहां पर भी टेस्टिंग लैब स्थापित किए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं. साथ ही सीएम योगी ने कहा कि, भविष्य को ध्यान में रख कर कोविड-19 तथा अन्य वायरस से लड़ाई में पूरी तैयारी के साथ जुटना होगा. संक्रमण पर नियंत्रण के संदर्भ में लापरवाही को रोका जाना तथा जागरूकता को बढ़ाना आवश्यक है.

'पीपीई उपलब्धता सुनिश्चित'

मुख्यमंत्री ने कहा कि, व्यापक पैमाने पर उचित प्रशिक्षण और पीपीई उपलब्धता सुनिश्चित की जाए और इनकी कोई कमी ना हो. इसके लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध है और आवश्यकता अनुसार अतिरिक्त धनराशि भी दी जाएगी.


साथ ही सीएम ने कहा कि, इस संक्रमण से लड़ाई में माइक्रो प्लानिंग के साथ कार्य करना होगा. मेडिकल इमरजेंसी सेवाओं को संचालित करते हुए यह देखा जाना उचित होगा कि रोगी कोरोना है या नहीं है. बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और ऐसे रोगी जो पहले से किसी रोग से पीड़ित हैं उनके के साथ विशेष सावधानी बरती जाए. वहीं सीएम योगी ने कहा कि चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ दिन रात एक कर रहे हैं. उनके प्रयासों के पक्ष में जनमानस खड़ा है.

मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आईएमएस बीएचयू, जीएमआईसी ग्रेटर नोएडा, एसएनएमसी आगरा, आईवीआरआई बरेली, अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज, एमएलआरएमसी मेरठ, आरएमआरसी गोरखपुर, एलएलबीएमसी झांसी, जीएसवीएम कानपुर, एमएलएनएमसी प्रयागराज जैसे संस्थानों समेत लखनऊ के एसजीपीजीआई, केजीएमयू, डॉक्टर राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, कमांड हॉस्पिटल, इटावा के उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान संस्थान सैफई से कोविड-19 के संदर्भ में विस्तृत जानकारी प्राप्त की और आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए. उन्होंने कहा कि इन संस्थानों को मात्र लैब टेस्टिंग तक सीमित न रहकर कोरोना वायरस के संदर्भ में रिसर्च तथा वैक्सीन की संभावनाओं पर भी कार्य करना होगा.

प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा रजनी दुबे ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि प्रदेश में 23 मार्च को टेस्टिंग लैब की संख्या एक थी जो 12 अप्रैल 2020 को बढ़कर 15 हो गई है. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना, मुख्य सचिव आरके तिवारी, प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.

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