लखनऊः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को प्रशासन के वरिष्ठ अफसरों के साथ बैठक की और तमाम तात्कालिक विषयों पर समीक्षा करते हुए अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए. उन्होंने प्रदेश में कुछ विभागों में कर्मचारियों व शिक्षकों की समस्याओं के मद्देनजर कहा कि राज्य सरकार कर्मचारियों के हित संरक्षण के लिए संकल्पित है.
इस दिशा में अनेक प्रयास किए गए हैं. हाल के दिनों में कर्मचारी संगठनों, आशा वर्कर, बेसिक शिक्षा विभाग से संबंधित प्रकरणों को लेकर कुछ समूहों द्वारा मांग-प्रदर्शन किया जा रहा है.
राज्य सरकार सभी की भावनाओं का पूरा सम्मान करती है. ऐसे में अलग-अलग संगठनों से वार्ता के लिए अलग-अलग उच्चस्तरीय कमेटियां गठित कर संवाद किया जाए. साथ ही सीएम ने बाढ़-अतिवृष्टि से प्रभावित कृषि फसलों का आकलन कर सभी किसान भाइयों को मुआवजे दिए जाएं.
अब तक 2.35 लाख किसानों को 77 करोड़ की क्षतिपूर्ति की गई है. विगत एक सप्ताह में बारिश के चलते कुछ क्षेत्रों में धान की फसल पर बुरा असर पड़ा है. ऐसे में क्षति का आकलन कराया जाना जरूरी है. प्रदेश का एक भी किसान जिसकी फसल बाढ़ या अतिवृष्टि से खराब हुई हो, उनकी क्षतिपूर्ति जरूर की जाए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि अपराधियों-माफियाओं के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करते हुए राज्य सरकार ने वर्षों तक अवैध कब्जे में रही भूमि मुक्त कराई है. इस जमीन पर आवास विहीन लोगों के लिए घर बनाये जाएंगे. समूह 'ग' व 'घ' के सरकारी कर्मचारियों, अधिवक्तागणों और पत्रकार बंधुओं के आवास के लिए भी इसका उपयोग किया जा सकता है. आवास विभाग द्वारा इस संबंध में विस्तृत प्रस्ताव तैयार कर यथाशीघ्र प्रस्तुत किया जाए.
उन्होंने कहा कि प्रदेश में धान खरीद की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है. अब तक 2,972 मीट्रिक टन धान की खरीद की जा चुकी है. इस एवज में किसानों को 575 करोड़ का भुगतान भी हो चुका है. यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी धान क्रय केंद्रों पर व्यवस्था सुचारू बनी रहे. जिलाधिकारी स्वयं क्रय केंद्रों का निरीक्षण करें. जिलों में नोडल अधिकारी एक्टिव रहें. धान सूखा न होने की बात कहकर किसी किसान के धान को खरीदने से मना नहीं किया जाना चाहिए.