लखनऊ: कोविड से लड़ने के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अब विभागों के कामकाज को पटरी पर लाने में जुट गए हैं. मुख्यमंत्री ने कार्यशैली को लेकर शासन के अधिकारियों को दो टूक कहा है. उन्होंने कहा है कि सभी विभाग अपनी कार्यशैली को बेहतर बनाएं. सरकारी कार्यालयों को समयबद्ध ढंग से ई-ऑफिस प्रणाली से जोड़ा जाए. शासकीय कार्यों में त्वरित निर्णय लिए जाएं.
महत्तवपूर्ण बातें-
- सरकारी कार्यालयों को ई-ऑफिस से जोड़ा जाए.
- केंद्र की तरह राज्य में भी भर्ती परीक्षाओं के लिए एजेंसी का गठन किया जाए.
- उद्योगों के लिए नई संस्था 'इनवेस्ट यूपी' के गठन का निर्णय किया जाए.
मुख्यमंत्री ने गुरुवार को अनलॉक व्यवस्था की समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि विभागीय मुख्यालय सहित अधीनस्थ कार्यालयों में पत्रावलियां सात दिन से अधिक लंबित नहीं रहनी चाहिए. किसी पटल पर तीन दिन से अधिक पत्रावली लंबित रहने पर सभी संबंधित स्तर पर जवाबदेही तय की जाए. मुख्यमंत्री के इस कदम से लापरवाह अफसरों, कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई भी हो सकेगी.
सीएम योगी का निर्देश है कि सरकारी दफ्तरों में कर्मचारियों की समय से एवं नियमित उपस्थिति सुनिश्चित की जाए. वरिष्ठ अधिकारी इसकी नियमित समीक्षा करें. वरिष्ठ अधिकारियों को कार्यालयों का आकस्मिक निरीक्षण करना होगा. प्रदेश सरकार के विभागों एवं उपक्रमों में भर्ती परीक्षाओं को नियमित एवं समयबद्ध ढंग से संपन्न कराया जाए. सीएम योगी ने कहा कि इसके लिए भारत सरकार की भांति राज्य में भी सभी भर्ती परीक्षाओं के संचालन के लिए एक एजेंसी का गठन किया जाए.
निवेश मित्र पोर्टल का हो प्रभावी संचालन
मुख्यमंत्री ने निवेश मित्र पोर्टल के प्रभावी एवं कुशल संचालन पर बल देते हुए कहा कि इसके लिए विशेषज्ञों की तैनाती पर विचार किया जाए. राज्य सरकार ने उद्योग बंधु को अपग्रेड व सुदृढ़ करते हुए नई संस्था इनवेस्ट यूपी के गठन का निर्णय लिया है. सीएम ने निर्देश दिए कि इस कार्य को प्रभावी ढंग से लागू करते हुए आगामी एक से सवा साल के दौरान प्रदेश में डेढ़ लाख करोड़ रुपये तक के निवेश को आकर्षित करने की कार्ययोजना तैयार की जाए.
यूपी में 98.5 फीसद औद्योगिक इकाइयां संचालित
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में 98.5 प्रतिशत औद्योगिक व्यावसायिक इकाइयों के पूरी क्षमता से कार्यशील रहने पर संतोष व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि शेष इकाइयों को भी उनकी पूरी क्षमता से चलाया जाए. उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए प्रभावी कार्रवाई की जाए. बुनकरों की समस्याओं के समयबद्ध निस्तारण के लिए समुचित प्रयास किए जाने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि बसों के अंतरराज्यीय आवागमन को सुचारू बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं. प्रदेश में सभी निर्धारित रूटों पर परिवहन निगम की बसों का संचालन कराया जाए.
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने अगस्त 2019 के सापेक्ष अगस्त 2020 में प्रदेश सरकार के राजस्व में लगभग 600 करोड़ रुपये की वृद्धि पर संतोष व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि कोविड के दृष्टिगत भारत सरकार द्वारा जिन गतिविधियों पर रोक लगाई गई है, उन्हें छोड़कर शेष सभी प्रकार की औद्योगिक तथा व्यवसायिक गतिविधियों को प्रदेश में संचालित किया जाए.
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