लखनऊ: योगी सरकार का अब प्रदेश की आर्थिक स्थिति को सुधारने पर पूरा जोर है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड-19 की दृष्टि से उच्च स्तरीय बैठक कर पूरे प्रदेश की समीक्षा की. मुख्यमंत्री ने लॉकडाउन के संबंध में भारत सरकार की ओर से जारी एडवाइजरी का अध्ययन करके उसके अनुरूप समस्त आर्थिक गतिविधियां संचालित कराए जाने के निर्देश दिए. लॉकडाउन अवधि में भी संभावनाओं को तलाशना आवश्यक है. संक्रमण से सुरक्षा के सभी उपाय अपनाते हुए औद्योगिक गतिविधियों को संचालित कराया जाने के निर्देश दिए गए हैं.
मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित बैठक में सीएम योगी ने कहा कि चीनी मिलों के संचालन में संक्रमण का एक भी प्रकरण सामने नहीं आया है. इसी प्रकार ईट भट्ठा उद्योग भी ठीक से चल रहा है. इसी तर्ज पर सभी उद्योगों को चलाया जाए. लॉकडाउन के बाद प्रदेश में निवेश को एक नया आयाम देने के लिए एक वृहद कार्ययोजना तैयार की जाए.
मुख्यमंत्री ने अन्य राज्यों से संपर्क कर वहां रहे रहे यूपी के श्रमिकों का स्वास्थ्य परीक्षण कराकर वापसी की प्रक्रिया प्रारंभ कराए जाने के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं. वापस आए सभी श्रमिकों का अनिवार्य रूप से स्वास्थ्य परीक्षण कराने, सभी जिलों में इंफ्रारेड थर्मामीटर उपलब्ध कराने को कहा है, ताकि प्रवासी श्रमिकों की सुगमता से जांच की जा सके. प्रवासी श्रमिकों और कामगारों की स्क्रीनिंग कर स्वस्थ लोगों को 14 दिन के होम क्वारंटाइन में रखा जाए. जो स्वस्थ न मिले ऐसे श्रमिकों के उपचार की व्यवस्था की जाए. प्रवासी श्रमिकों के क्वारंटाइन प्रोटोकॉल को सुनिश्चित कराने के लिए प्रत्येक जिले में एक प्रभारी अधिकारी नामित किए जाने के भी निर्देश दिए गए हैं.
15 से 20 लाख रोजगार देने की योजना
मुख्यमंत्री ने बाहर से आने वाले सभी श्रमिकों एवं कामगारों के नाम, पते, मोबाइल नंबर एवं कार्य दक्षता समेत पूरा विवरण तैयार करने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री चाहते हैं कि अगर इस प्रकार से सूची तैयार होगी तो उन्हें रोजगार मुहैया कराने में सुविधा होगी. सरकार 15 से 20 लाख लोगों को रोजगार देने की योजना बना रही है.