लखनऊ: कृष्ण जन्मोत्सव के अवसर पर मथुरा समेत पूरे प्रदेश में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे. सरकार के प्रदेश भर में धार्मिक आयोजन करने के फैसले को सियासी समीकरण के रुप में देखा जा रहा है. 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के प्रचंड जीत के बाद अब योगी सरकार के निशाने पर 2022 में यूपी का विधानसभाी चुनाव है.
मथुरा में आयोजित हो रहा कृष्ण जन्मोत्सव कार्यक्रम-
कृष्ण जन्मोत्सव कार्यक्रम का मुख्य आयोजन रामलीला मैदान मथुरा में होगा. कार्यक्रम की व्यवस्था का भार अलग-अलग विभागों के अधिकारियों को सौंप दी गई है. सीएम योगी के निर्देश पर प्रमुख सचिव नगर विकास को कार्यक्रम के मद्देनजर अस्थाई शौचालय बनवाने के लिए कहा गया है. आवास व्यवस्था में होटल आदि का प्रबंध भी पर्यटन विभाग ही करेगा.
इन्हें मिली जिम्मेदारीमुख्य स्थल के अलावा अन्य स्थलों और छोटे मंचों के संबंध में 16 स्थलों का चयन किया गया है, जिसमें भारतपुर गेट को भी जोड़े जाने का निर्देश दिया गया है. सभी मंचों पर आधारभूत सुविधाओं का विकास उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद मथुरा ही स्थानीय स्पॉन्सरशिप से करेगा. सांध्य कालीन कार्यक्रमों में शोभायात्रा के कलाकारों को भी उचित अनुसार अवसर दिया जाएगा.
शंकर महादेवन का होगा कार्यक्रमसरकार के स्तर पर जन्माष्टमी के अवसर पर मंदिरों की सजावट एवं लाइटिंग की भी तैयारी की गई है. मुख्य मंच पर 24 अगस्त को शंकर महादेवन का कार्यक्रम होगा. इसी दिन सुश्री गीतांजलि शर्मा का ब्रज रास का कार्यक्रम भी कराया जाएगा. गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के आयोजन विशेष रूप से प्रस्तावित किए गए हैं.
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उत्तर प्रदेश में योगी सरकार जब से बनी है तब से होली, दिवाली, दशहरा को भव्य रूप से मनाया जा रहा है. हां जरूर कृष्ण जन्माष्टमी प्रदेश के सभी पुलिस थानों में मनाने से अखिलेश सरकार ने प्रतिबंधित कर दिया था लेकिन योगी सरकार में भव्य और शांतिपूर्ण तरीके से धार्मिक आयोजन करने का सभी को अधिकार है.
-नरेंद्र सिंह राणा, बीजेपी प्रवक्ता, यूपी
जिस प्रकार से अयोध्या में दिवाली के लिए सरकार ने पहले से ही बजट का निर्धारण कर दिया है उससे सरकार की मंशा साफ दिखती है. योगी सरकार धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना चाह रही है. इससे न सिर्फ धार्मिक संस्कृति का विस्तार होगा बल्कि आर्थिक रूप से भी प्रदेश समृद्ध होगा. जन्माष्टमी अभी मथुरा में हो रहा है तो हो सकता है कि आगे पूरे प्रदेश भर में कई तरीके से जन्माष्टमी का आयोजन किया जाए.
-सुरेश बहादुर सिंह, राजनीतिक विश्लेषक