लखनऊ :मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चक्रवाती तूफान 'यास' (storm Yaas) से बचाव के लिए तैयारियों के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि चक्रवाती तूफान के यूपी में भी प्रभाव की आशंका जताई गई है. सीएम योगी बुधवार को वर्चुअल माध्यम से टीम- 9 के अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे. बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में मौसम विभाग द्वारा चक्रवाती तूफान 'यास' के प्रभाव की आशंका जताई गई है. इस संबंध में बचाव के लिहाज से तैयारियां पूरी कर ली जाएं. पब्लिक एड्रेस सिस्टम, पीआरवी 112 के अलावा मीडिया की सहायता से आमजन को जागरूक किया जाए.
प्रभावी रणनीति से कोरोना के एक्टिव मामलों में आई गिरावट
मुख्यमंत्री ने कहा कि टेस्ट, ट्रेस और ट्रीट के मंत्र के अनुरूप कोरोना के खिलाफ हमारी रणनीति कारगर सिद्ध हो रही है. एक ओर जहां प्रदेश में कोविड टेस्टिंग में हर दिन एक नया रिकॉर्ड बन रहा है, वहीं केस में निरंतर कमी आ रही है और रिकवरी दर बेहतर होता जा रहा है. वर्तमान में प्रदेश में कुल 62 हजार 271 एक्टिव कोरोना मरीज हैं. 30 अप्रैल की पीक की स्थिति के सापेक्ष 26 दिन के भीतर मरीजों की संख्या मात्र 20 फीसदी रह गई है. एक्टिव केस में यह कमी अच्छे संकेत हैं. प्रदेश की रिकवरी दर में हर दिन बेहतरी हो रही है, अब यह 95.1% तक पहुंच गई है. विगत 24 घंटों में कोविड संक्रमण के 3,371 केस सामने आए हैं, जबकि इसी अवधि में 10,540 लोग स्वस्थ होकर डिस्चार्ज भी हुए हैं.
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ब्लैक फंगस मरीजों पर एसपीजीआई के विशेषज्ञ रखेंगे नजर
मुख्यमंत्री ने कहा कि ब्लैक फंगस के मरीजों के इलाज के संबंध में सभी जरूरी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं. आज से एसजीपीजीआई के विशेषज्ञ भी इन मरीजों की स्थिति पर सीधी नजर रखेंगे. लखनऊ, मेरठ, गोरखपुर, वाराणसी सहित जहां कहीं भी ब्लैक फंगस के मरीजों का इलाज हो रहा है, एसजीपीजीआई के विशेषज्ञों के सुपरविजन में होगा. स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग सभी अस्पतालों के सम्पर्क में रहें, कहीं भी उपयोगी दवाओं का अभाव न हो.
चिकित्सा तंत्र को सुदृढ़ करने पर दिया जोर
सीएम ने कहा कि प्रदेश के स्वास्थ्य एवं चिकित्सा तंत्र को और सुदृढ़ करने की आवश्यकता है. बीते चार वर्षों में इस क्षेत्र में अनेक प्रयास किये गए हैं, जिनसे आधारभूत संरचना समृद्ध हुई है. निर्माणाधीन सीएचसी-पीएचसी का कार्य समय से पूरा किया जाए. इसके लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त कर निर्माण कार्य की सतत मॉनीटरिंग कराई जाए. इसके लिए एक विशेष टीम गठित हो, जो इसकी सतत मॉनीटरिंग करे. बेसिक शिक्षा विभाग में 'ऑपरेशन कायाकल्प' की तर्ज पर स्वास्थ्य और मेडिकल एजुकेशन विभाग में भी अभियान चलाकर व्यवस्था सुदृढ़ की जाए. स्वास्थ्य मंत्री के स्तर से भी सभी दलों के जनप्रतिनिधियों से सहयोग का आग्रह किया जाए.