लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चिकित्सा संस्थानों को वर्चुअल आईसीयू के माध्यम से जोड़ने की कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि तकनीकी आधारित इस व्यवस्था को अपनाकर योग्य एवं अनुभवी चिकित्सकों के द्वारा अधिक से अधिक गम्भीर रोगियों का बेहतर इलाज सुनिश्चित कराया जा सकता है. उन्होंने सभी जनपदों में वेंटिलेटर्स/एचएफएनसी (हाई फ्लो नेजल कैन्युला) को क्रियाशील रखे जाने के निर्देश भी दिए.
'कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए बनाएं कारगर रणनीति'
मुख्यमंत्री आज यहां लोक भवन में एक उच्चस्तरीय बैठक में अनलाॅक व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि जिन जनपदों में पिछले एक सप्ताह के दौरान प्रतिदिन औसतन 100 या उससे अधिक कोविड-19 के केसेज मिले हैं, ऐसे जनपदों में संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए कारगर रणनीति अपनाई जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव गृह, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य, अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा सहित चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा गहन विचार-विमर्श करते हुए कार्य योजना को अन्तिम रूप दिया जाए. इन जनपदों में नोडल अधिकारी नामित किए जाएं. प्रत्येक नोडल अधिकारी के साथ विशेष सचिव स्तर का अधिकारी भी तैनात होगा.
'कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग पर दिया जाए जोर'
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए कि अधिक से अधिक काॅन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग करते हुए कोरोना के प्रसार पर प्रभावी रोक लगाई जाए. उन्होंने कहा कि हाई रिस्क ग्रुप को लक्षित करते हुए मेडिकल टेस्टिंग पर विशेष ध्यान दिया जाए. कोविड-19 के प्रतिदिन किए जाने वाले टेस्ट में एक तिहाई आरटी-पीसीआर द्वारा तथा शेष जांचें रैपिड एन्टीजन टेस्ट के माध्यम से की जाएं. उन्होंने एल-2 तथा एल-3 कोविड अस्पतालों में बेड्स की संख्या में वृद्धि के निर्देश भी दिए हैं.
'सोशल डिस्टेंसिंग का करें पालन '
मुख्यमंत्री ने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क के उपयोग के सम्बन्ध में प्रवर्तन कार्रवाई को पूरी सक्रियता से संचालित किया जाए. आवश्यकतानुसार माइक्रो कन्टेनमेन्ट जोन स्थापित किए जाएं. यह सुनिश्चित किया जाए कि पब्लिक एड्रेस सिस्टम पूरी तरह सक्रिय रहे और इनके माध्यम से कोरोना से बचाव तथा यातायात सुरक्षा के बारे में लोगों को जागरूक किया जाए.