लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान धन्यवाद भाषण दिया. मुख्यमंत्री अपने करीब दो घंटे पांच मिनट के भाषण के दौरान नागरिकता कानून पर हुए प्रदर्शनों के दौरान विपक्ष की भूमिका, आरक्षण पर विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे सवालों, प्रदेश के विकास, विपक्ष की भूमिका जैसे मुद्दों पर खुलकर बोले और विपक्ष को कठघरे में खड़ा किया. उन्होंने सदन की कार्यवाही को गरिमापूर्ण तरीके से आगे बढ़ाने के लिए सदन के प्रत्येक सदस्य के प्रति आभार प्रकट करने के साथ ही राज्यपाल को भी धन्यवाद दिया.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लोग कहते थे कि अयोध्या में परिंदा भी पर नहीं मार पाएगा. फिर भी लाखों राम भक्त अयोध्या में मौजूद रहे. आज सर्वोच्च अदालत ने राम भक्तों की आकांक्षा पर मुहर लगाई. नौ नवंबर 2019 ने स्थापित किया कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था का राज कायम है. कोई दुर्घटना नहीं हुई. जो लोग राम भक्तों पर गोली चलाना उचित मानते हैं और आतंकवादियों का मुकदमा लड़ते हैं. उनसे पूछा जाना चाहिए. लोकतांत्रिक तरीके से होने वाले सभी आंदोलन को हम लोग समर्थन देंगे.
विपक्ष प्रदेश के गरीबों के हित की बात नहीं करना चाहता
यह बात पहले से ही स्पष्ट कर दी गई थी, जो लोग बहन-बेटियों की इज्जत के साथ खिलवाड़ करेंगे. संपत्तियों को नुकसान पहुंचाएंगे. उन्हें वह जिस भाषा में समझना चाहेंगे उस भाषा में समझाया जाएगा. दिसंबर में कांग्रेस, सपा समेत अन्य लोग इस महाबंदी में शामिल थे. ऐसे लोग भारत के संविधान में विश्वास नहीं रखते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष के नेताओं की प्रदेश के किसान के प्रति, युवा के प्रति, गरीब के प्रति अगर सहानुभूति होती तो मुझे खुशी होती. गांधी जयंती पर आयोजित विशेष सत्र में विपक्ष ने हिस्सा नहीं लिया, इसलिए यह साबित होता है कि विपक्ष प्रदेश के गरीबों के हित की बात नहीं करना चाहता.
हम सत्ता को साध्य नहीं मानते
उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता के प्रति सहानुभूति होता, तो सदन से बहिर्गमन नहीं करते. 36 घंटों तक सदन चर्चा करता रहा. उस वक्त सदन में बहुत अच्छी चर्चा हुई थी. सदन की सार्थकता दो अक्टूबर 2019 और तीन अक्टूबर 2019 को देखने को मिला, जब विस्तार से प्रदेश की समस्याओं और प्रदेश के विकास को लेकर भविष्य की रणनीति पर चर्चा की गई. सीएम योगी ने कहा कि हम लोग सत्ता को साध्य नहीं मानने वाले हैं. सत्ता को साधन मानते हैं. लोक कल्याण के लिए साधन. सत्ता हमारे लिए आखिरी लक्ष्य नहीं है.
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