लखनऊः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर किसानों से संवाद कार्यक्रम के दौरान गन्ना मूल्य बढ़ाए जाने, फसलों के अवशेष जलाने पर किसानों पर हुए मुकदमे और अर्थदंड को समाप्त करने का आश्वासन दिया है. सीएम योगी ने कहा कि किसानों का परिश्रम ही किसानों की पहचान है. परिश्रम और पुरुषार्थ का कोई विकल्प नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार हर परिस्थिति में किसानों के साथ है. प्रदेश सरकार किसानों के हितों के संरक्षण के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ आगे भी कार्य करती रहेगी. किसानों के लिए खेत से खलिहान तथा बीज से बाजार तक चक्रीय श्रृंखला बनाई जा रही है. आने वाला समय अन्नदाता किसानों का है.
योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि विपत्ति के समय किसानों की सहायता का माध्यम है. किसान अन्नदाता हैं और समाज के भाग्य विधाता हैं. उन्होंने उपस्थित सभी अन्नदाताओं का स्वागत करते हुए कहा कि, किसानों का विकास एवं कल्याण हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. अन्नदाता किसान अपनी कठोर मेहनत से हम सभी का पेट भरते हैं. उन्होंने कहा कि विगत डेढ़ वर्षों से देश और दुनिया वैश्विक महामारी कोरोना से जूझ रही है, लेकिन इस दौरान हमारे अन्नदाता किसानों ने कोरोना का डटकर मुकाबला करते हुए रिकॉर्ड खाद्यान्न उत्पादन किया. चीनी मिलें सुचारु रूप से चलती रहीं तथा गन्ना खरीद होती रही.
इसे भी पढ़ें- कृषि कानून पर प्रदर्शन, यूपी में सड़कों पर किसान
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार ने वर्ष 2010 से लम्बित पड़े गन्ना मूल्य के भुगतान के लिए बेहतर रणनीति बनाकर कार्य करते हुए 1 लाख 42 हजार करोड़ रुपये के गन्ना मूल्य का भुगतान कराया है. उन्होंने कहा कि गन्ना पेराई के नए सत्र से पहले पिछला सारा भुगतान करा दिया जाएगा. कोरोना काल में भी प्रदेश में चीनी मिलें चलती रहीं. साथ ही, रमाला, मुण्डेरवा और पिपराइच में नई चीनी मिलों की स्थापना की गई.