लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बिकरू कांड की घटना के मुख्य आरोपी विकास दुबे और उसके फाइनेंसर की 147 करोड़ की अवैध संपत्ति व उससे जुड़े हुए लोगों के आय के स्रोतों की जांच प्रवर्तन निदेशालय से कराने का निर्णय लिया है. कानपुर के बिकरू कांड के तत्काल बाद एसआईटी का गठन किया गया था और घटना के सारे पहलुओं की जांच का जिम्मा भी दिया गया था. अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता वाली एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में विकास दुबे और उसके करीबियों की संपत्ति की जांच ईडी से कराने की सिफारिश की थी. मंगलवार को मुख्यमंत्री ने एसआईटी की इस सिफारिश को हरी झंडी दे दी.
मुख्यमंत्री ने एसआईटी की सिफारिश को माना
कानपुर के बिकरू कांड के बाद 11 जुलाई को अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन किया गया था. एसआईटी को इस पूरे कांड के सभी पहलुओं पर जांच रिपोर्ट देने के लिए कहा गया था. एसआईटी ने अपनी 3200 पन्नों की जांच रिपोर्ट शासन को पिछले महीने सौंप दी थी. वहीं, इस जांच में विकास दुबे और उसके करीबियों की 147 करोड़ की संपत्ति का हवाला दिया और पूरी जांच को प्रवर्तन निदेशालय से कराने की सिफारिश भी की थी. आज मुख्यमंत्री ने एसआईटी की इस सिफारिश को मान लिया है.