लखनऊः यूपी विधासनभा के शीतकालीन सत्र में योगी सरकार ने अनुपूरक बजट पेश किया. इस दौरान सीएम योगी ने सरकार की उपलब्धियां गिनाईं. इस दौरान उन्होंने बुजुर्गों, दिव्यांगों और कुष्ठ रोगियों की पेंशन बढ़ाने का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि बुजुर्गों की पेंशन 500 से बढ़ाकर 1000 रुपये और दिव्यांग पेंशन 500 से बढ़कर 1000 रुपये की जा रही है. कुष्ठ रोगियों को 3 हजार रुपये प्रतिमाह की पेंशन मिलेगी. महिला रोगियों के असाध्य रोगों के इलाज के लिए 5 लाख रुपये की अतिरिक्त राशि दी जाएगी.
उन्होंने कहा कि यूपी ने वैक्सीनेशन के लक्ष्य को आगे बढ़ाया है. 18 करोड़ वैक्सीन की डोज लग चुकीं हैं. जनता ने सरकार की बातों पर विश्वास किया और दुष्प्रचार को नकार दिया. 15 करोड़ लोगों को डबल इंजन की सरकार डबल राशन दे रही है. इन सभी को हर महीने दो बार राशन दिया जा रहा है.
महाभारत में कहा गया है कि योग्य राजा वह है तो परिस्थितियों के अनुसार नहीं मुड़ता बल्कि वह उन्हें मोड़ता है और इतिहास रचता है. हम कोरोना के पीछे नहीं भागे, बल्कि कोरोना को पीछे भागने के लिए मजबूर कर दिया. विकास के सभी कार्य चल रहे हैं. आगामी विधानसभा चुनाव के लिए पूरी मजबूती के साथ जनता के बीच जाने की तैयारी कर रहे हैं.
यह अनुपूरक बजट करीब 8500 करोड़ रुपये का है. लेखानुदान 2022-23 का है. सभी कार्य सुचारू रुप से चलते रहें इसके लिए 5 लाख 45 करोड़ रुपये का लेखानुदान सदन में प्रस्तुत किया गया है.
वह बोले, बहुत सारे देश कोरोना से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. चीन और यूरोप के कई देश प्रभावित हो रहे हैं लेकिन हमारे यहां पहले चरण, दूसरे चरण के बाद तीसरे चरण के आने की आशंका जताई गई. हमने कहा कि हम इसे रोकेंगे और यह नहीं आएगा.
बीते पांच वर्ष यूपी के लिए बेहद ही महत्वपूर्ण रहे हैं. पहले सोचा जाता था कि देश के विकास का सबसे बड़ा बाधक है उत्तर प्रदेश. लोगों के मन में धारणा थी कि उत्तर प्रदेश में कोई सुरक्षित नहीं रहेगा. आस्था का कोई सम्मान नहीं होता. माफिया हावी थे. इसकी वजह से पलायन हो रहा था लेकिन, आज जब हमारी सरकार अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा कर रही है तब एक भी दंगा राज्य में नहीं हुआ. उत्तर प्रदेश को लेकर धारणा बदली है. आज हर बड़ा निवेशक उत्तर प्रदेश के अंदर निवेश के लिए इच्छुक है.
जब कोरोना काल में दुनिया पस्त थी तब यूपी में 66 हजार करोड़ का निवेश हुआ. यूपी में देश की पहली मोबाइल की डिस्प्ले यूनिट लगी. पहले यह डिस्प्ले चाइना में बनती थी. यह फैक्ट्री कोरोना काल में लगी है. इसे उस संस्था ने लगाया है जो पिछली सरकार में भागने को मजबूर हुई थी.
कुछ लोगों को सपना होता है, कोई बात नहीं, सपना देखते रहिए, इंतजार करते रहिए. पहली बार जब हम पहला बजट पेश करने आए थे. उस वक्त यूपी 22 करोड़ आबादी का राज्य था अब आबादी 25 करोड़ है. उस लिहाज से हमने अपना राजस्व बढ़ाया और बजट का दायरा भी. सरकार का यह अंतिम अनुपूरक बजट है. यह छह लाख करोड़ का है. कोरोना काल के बावजूद हम छह लाख करोड़ तक पहुंचे. हर एक राज्य के लिए जो सीमा निर्धारित की गई है, राज्य सरकार ने उसका पालन किया है.
यूपी की अर्थव्यवस्था पहले देश में छठवें नबंर पर थी अब दूसरे नंबर पर है. प्रति व्यक्ति आय अब दोगुनी हो गई है. पहले की सरकार अगर इसी गति से चलती तो आज यूपी देश में नंबर एक होता. पिछली सरकारों ने स्वार्थ के लिए सत्ता का अपराधीकरण न किया होता, सत्ता को वंशवाद-परिवार के लिए गिरवी न रखा होता तो यह यूपी नंबर एक होता. वह बोले हम लक्ष्य लेकर चलें हैं. कई क्षेत्रों में हमें सफलता हासिल हुई. गेंहू, गन्ना समेत कई खाद्य उत्पादन में यूपी नंबर एक पर हैं.