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अखंड भारत के शिल्‍पी थे सरदार वल्‍लभ भाई पटेल: योगी - सरदार वल्‍लभ भाई पटेल की पुण्‍यतिथि

सरदार वल्लभ भाई पटेल की पुण्यतिथि के मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. लखनऊ के हजरतगंज में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरदार पटेल की प्रतिमा पर फूल चढ़ाए. उन्होंने कहा कि सरदार पटेल ने देश को एकता के सूत्र में पिरोने का काम किया.

योगी आदित्यनाथ
योगी आदित्यनाथ

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Published : Dec 15, 2020, 4:09 PM IST

लखनऊ: लौहपुरुष सरदार वल्‍लभ भाई पटेल की पुण्‍यतिथि के मौके पर मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने उन्‍हें नमन किया. मंगलवार को हजरतगंज पहुंच कर मुख्‍यमंत्री ने सरदार पटेल की प्रतिमा पर पुष्‍प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. उन्‍होंने कहा कि सरदार वल्‍लभ भाई पटेल अखंड भारत के शिल्‍पी थे. उन्‍होंने देश को एकता और अखंडता का अभेद्य कवच दिया.


'अंग्रेजों की साजिश को पटेल ने किया था नाकाम'

सरदार पटेल के योगदान को याद करते हुए योगी आदित्‍यनाथ ने कहा कि जब भारत के अंदर देश की स्वाधीनता के लिए एक नया शंखनाद हुआ तो कुटिल अंग्रेज इस बात को समझ गए कि अब भारत को बहुत अधिक दिनों तक वे अपने शासन के अधीन नहीं रख सकते हैं. उन्‍होंने भारत को टुकड़ों में बांटने की साजिश रची. अंग्रेजों की इस साजिश को विफल करने में जिस महापुरुष ने सबसे बड़ी भूमिका निभाई वह सरदार वल्‍लभ भाई पटेल थे. वे वर्तमान भारत के इस स्वरूप के शिल्पी हैं, जिनकी 70वीं पुण्यतिथि पर स्मरण करने के लिए हम सब यहां एकत्र हुए हैं.

'पटेल का हमेशा कृतज्ञ रहेगा राष्ट्र'

योगी ने कहा कि देश को एकता और अखंडता के सूत्र में पिरोने वाले अपने इस महान नेता और भारत माता के अमर सपूत के प्रति राष्‍ट्र हमेशा कृतज्ञ रहेगा. योगी ने कहा कि आज के इस अवसर पर प्रदेशवासियों की ओर से सरदार वल्लभ भाई पटेल के द्वारा किए गए योगदान के प्रति विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्हें कोटि-कोटि नमन करता हूं.

'देश की एकता के सूत्रधार थे सरदार'

लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की पुण्यतिथि के मौके पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में सम्मिलित मुख्‍यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरदार पटेल ही देश की एकता के सूत्रधार थे. हम सब जानते हैं कि यह देश भले ही राजनीतिक रूप से किसी कालखंड में अलग-अलग समूहों में रहा होगा लेकिन सांस्कृतिक रूप से अतीत के उस कालखंड से जब से मानव ने इस धरती पर जन्म लिया, उत्तर में हिमालय से ले करके दक्षिण में समुद्र तक पूरा भारत एक सांस्कृतिक इकाई के रूप में जाना जाता था.

हमारे शास्त्रों ने और भारतीय मनीषा ने सदैव इस इकाई को भारत भूमि के रूप में या हिंदुस्तान के रूप में मान्यता दे करके इस एक भू-सांस्कृतिक अवधारणा को राष्ट्र के रूप में माना था. लेकिन उत्थान और पतन जैसे व्यक्तिगत जीवन में आता है, ऐसे ही राष्ट्र के जीवन में भी ये चीज़ें देखने को मिलती हैं. यह देश भी विदेशी आक्रांताओं की चपेट में आया.


'सरदार पटेल ने भारत को एक सूत्र में बांधा'

इस देश में विदेशी हुकूमत ने एक कालखंड तक शासन किया. विदेशी हुकूमत यह जानती थी कि वे भारत पर तब तक स्थाई रूप से शासन नहीं कर सकते, जब तक कि यहां के नागरिक एक भाव के साथ जुड़े हुए हैं. उन्होंने यहां की एकता और अखंडता को खंडित करने का प्रयास भी किया लेकिन सरदार पटेल ने एकता और अखंडता को मजबूत करते हुए भारत को एक ऐसे स्‍वरूप में ला खड़ा किया, जहां हर साजिश नाकाम हो कर रह गई. मुख्‍यमंत्री ने कहा कि सरदार पटेल किसी भी प्रकार के बंटवारे के पक्षधर नहीं थे. सरदार वल्लभ भाई पटेल ने भारत को एक सूत्र में बांध कर देश की एकता व अखंडता को अभेद्य कवच बनाया.

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