लखनऊ: सीएम योगी ने बुधवार को टीम-9 के साथ बैठक की. इस दौरान उन्होंने कहा कि ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट की नीति के अनुरूप उत्तर प्रदेश की नीति के संतोषप्रद परिणाम मिल रहे हैं. बीते 24 घंटों में दो लाख 89 हजार 809 टेस्ट हुए. इसमें एक लाख 29 हजार सैम्पल आरटीपीसीआर के माध्यम से जांचे गए. उत्तर प्रदेश सर्वाधिक कोविड टेस्ट करने वाला राज्य है. अब तक यहां पांच करोड़ 21 लाख 19 हजार 163 सैम्पल की जांच हुई है. सीएम ने अधिकारियों से कहा कि एग्रेसिव टेस्टिंग की नीति लागू रखी जाए. दैनिक टेस्ट की संख्या और बढ़ाए जाने की जरूरत है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कोरोना महामारी का असर कम हुआ है. सभी जिलों में स्थिति नियंत्रण में है. पॉजिटिविटी दर मात्र 0.3 प्रतिशत रह गई है, जबकि रिकवरी दर बेहतर होकर 98 फीसदी हो गया है. वर्तमान में प्रदेश में कुल 12 हजार 959 कोरोना मरीजों का उपचार हो रहा है. विगत 24 घंटे में कोविड संक्रमण के 709 नए केस आए हैं. वहीं एक हजार 706 लोग स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए हैं. अब तक कुल 16 लाख 66 हजार लोग ठीक हो चुके हैं.
टीकाकरण में तेजी के लिए सीएम के निर्देश
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोविड टीकाकरण की प्रक्रिया सुचारू रूप से चल रही है. बीते 24 घंटे में चार लाख 30 हजार 617 लोगों को टीका लगा है. इनमें से दो लाख 29 हजार 994 लोग 18 से 44 आयु वर्ग के हैं. प्रदेश में अब तक दो करोड़ 11 लाख 50 हजार 258 वैक्सीन डोज लगाए जा चुके हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 21 जून से सभी आयु वर्ग के टीकाकरण के लिए केंद्र सरकार द्वारा वैक्सीन उपलब्ध कराने की घोषणा की है. यह प्रयास टीकाकरण को और गति देने वाला है. केंद्र के दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रदेश में टीकाकरण कार्यक्रम को तेज करने की कार्रवाई की जाए. निजी अस्पतालों को सीधे टीका खरीदने की अनुमति दी गई है. उनसे भी समन्वय बनाया जाए. जिन औद्योगिक समूहों ने वैक्सीनेशन में सहयोग की इच्छा जताई है, उन्हें यथासंभव पूरी सहायता उपलब्ध कराई जाए.
बारिश से पहले तैयार रहें विभाग
बरसात का मौसम शुरू हो रहा है. इस समय इंसेफेलाइटिस जैसी जल जनित बीमारियों के प्रसार का खतरा है. हमें बिना देरी किए बचाव और रोकथाम के काम को तेज करना होगा. सर्विलांस को बेहतर करने के विशेष प्रयास हों. स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ ग्राम्य विकास और बाल विकास पुष्टाहार विभाग एक्टिव रहें. मुख्यमंत्री ने कहा कि निजी अस्पतालों के संबंध में मरीजों, परिजनों से मिल रही शिकायतों का समुचित निराकरण कराया जाना अधिकारी सुनिश्चित करें. दोषी अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए. पिछले दिनों कई अस्पतालों पर कार्रवाई की गई है.