लखनऊ: जिले केलोक भवन में आज शनिवार की दोपहर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने चुने हुए 10 लाभार्थियों को घरौनी प्रमाण पत्र सौंपे हैं. इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, अक्टूबर 2023 तक उत्तर प्रदेश के सभी 1.10 लाख राजस्व गांवों में जितने भी मकान हैं, उन सभी में रहने वाले परिवारों को घरौली प्रमाण पत्र देकर मालिकाना हक दे दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि, उत्तर प्रदेश ने अब तक करीब 33 लाख मकानों के घरौनी प्रमाण पत्र दे दिए हैं. अब 33 लाख परिवारों को अपने मकान का विधिक प्रमाण मिल गया है. इससे वे भविष्य में किसी भी तरह के विवाद से बचे रहेंगे. साथ ही उन्हें अपने इस मकान पर लोन लेकर कारोबार करने की भी सुविधा मिल जाएगी.
इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के साथ राजस्व राज्य मंत्री अनूप कुमार वाल्मीकि, मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र और प्रमुख सचिव संजय प्रसाद सहित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे. इसके अलावा प्रदेश के सभी जिलों से सैकड़ों की संख्या में लाभार्थी इस कार्यक्रम का गवाह बनने के लिए पहुंचे थे. 11 लाख घरौनी प्रमाण पत्र बटन दबाकर ऑनलाइन तरीके से लाभार्थियों को वितरित किए गए.
घरौनी प्रमाण पत्र के बारे में लाभार्थी जानकारी देते हुए उत्तर प्रदेश की सभी तहसील मुख्यालयों पर इस कार्यक्रम का आयोजन भी किया जा रहा है. जिन 10 लोगों को घरौनी प्रमाण पत्र सौंपे गए उनमें अयोध्या से इंद्र कुमार. बाँदा से कुलदीप सिंह, बरेली बेदन लाल, मेरठ से वेदप्रकाश, लखनऊ से विनोदिनी, लखनऊ से सोनी, लखीमपुर खीरी से रामरती राणा, लखीमपुरखीरी से छगनी, वासनी से सईद मोहम्मद को योगी आदित्यनाथ ने खुद ही प्रमाणपत्र सौंपा.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, प्रदेश की 350 तहसील मुख्यालयों में कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. लोकतंत्र के उत्सव को हम मना रहे हैं. 1975 में इस देश के संविधान का गला आज ही के दिन घोंटा गया था. आज लोकतंत्र सेनानियों को स्मरण करता हूं. उन्होंने कहा कि 34 लाख परिवार ऐसे होंगे जिनके पास अपनी जमीन का हक होगा. अप्रैल 2020 में यह कार्यक्रम शुरू हुआ है.
लेखपाल नहीं तकनीक का हो रहा उपयोग:मुख्यमंत्री ने कहा कि इसमें तकनीक का भी उपयोग किया गया है. 34 लाख से अधिक परिवारों को 34 लाख प्रमाण पत्र दिए जा चुके हैं. यह लोकतंत्र की सबसे बड़ी विजय है. 23 लाख से अधिक घरौनी हम दे चुके हैं. पहले लेखपाल भी गड़बड़ी करता था. मगर अब ड्रोन सर्वे होता है. पंचायत होती है. फिर सहमति और असहमति होती है. इसके बाद घरौनी दी जाती है.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि, जालौन में 100 फीसदी ग्रामीण अभिलेख दिए जा चुके हैं. सभी सुविधाएं उपलब्ध करवा रहे हैं. सभी 1.10 लाख राजस्व ग्राम का सर्वे किया जाएगा. अक्टूबर 2023 तक हर गांव को घरौनी दिए जा चुके हैं. ढाई करोड़ परिवारों को घरौनी दी जाएगी. योगी ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने ग्राम स्वराज का सपना देखा था. व्यवसाय करना होगा तब आप बैंक से लोन ले सकेंगे. बड़ी योजना हमने बनाई है. प्रदेश में भूमाफिया और अपराधी जो कब्जा करते थे. तब हमने एन्टी भूमाफिया टास्क फोर्स गठित की थी. 64 हजार हेक्टेयर जमीन को माफिया से मुक्त करवाया है. जिनके पास जमीन का कोई टुकड़ा नहीं था उन सबको मकान उपलब्ध करवाया है.
प्रसन्न हुए लाभार्थी आज लग रहा है कि मकान हमारा अपना:एटा से आए नरेंद्र सिंह, अमेठी के उमा शंकर शुक्ला, गाजियाबाद के हरिओम तोमर और गोंडा के अनुराग के अलावा सैकड़ों की संख्या में यहां आए लाभार्थियों ने घरौनी योजना को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद किया. उन्होंने कहा कि पहली बार महसूस हो रहा है कि मकान उनका अपना हैं. अब तमाम विवाद समाप्त हो गए हैं. ध्वनि प्रक्रिया के दौरान भी किसी तरह का विवाद सामने नहीं आया.
राजस्व रिकार्ड जल्द हों डिजिटल:योगी ने कहा कि हर घर को नल दे रहे हैं. सबको राशन दिया जा रहा है. पेंशन दे रहे हैं. पांच लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा दिया जा रहा है. पांच लाख का कृषक बीमा दिया जा रहा है. राजस्व विभाग जल्द से जल्द लैंड रिकार्ड को डिजिटल किया जाए. जैसे ही जमीन बिके खतौनी में नया नाम तत्काल दर्ज हो जाए. रजिस्ट्री विभाग को भी यह व्यवस्था देखनी होगी तो खतौनी भी जांच हो. अगर खतौनी में रजिस्ट्री कराने वाले का नाम न हो तो उसको पुलिस के हवाले कर दें. सरकारी कर्मचारी लोगों को न दौड़ाएं. वरासत के सारे लंबित मामलों को निस्तारित कर दें. पैमाइश भी लंबित न रखें. अपराध में कमी राजस्व विवादों के निपटाने से आएगी. ग्रामीण विवाद का समाधान होगा. बैंक लोन मिलेगा. जिससे कारोबार कर सकेंगे. ग्रामीण इलाकों में वित्तीय सुदृढ़ता आएगी. हर जनपद की भी डीजीपी को बढ़ाना होगा. आत्मनिर्भर भारत के साथ आत्मनिर्भर जिला और आत्मनिर्भर प्रदेश बनाना होगा.
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