लखनऊ: राजधानी लखनऊ के अटल बिहारी वाजपेयी क्रिकेट स्टेडियम में 25 मार्च को पीएम नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की मौजूदगी में 18वीं विधानसभा का शपथ ग्रहण समाारोह हुआ. जिसमें योगी आदित्यनाथ ने लगातार दूसरी बार सीएम पद की शपथ ली तो वहीं, केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक ने उमुख्यमंत्री पद की शपथ ली. वहीं, इस दौरान 52 विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ली. हालांकि, इस सरकार में अबकी नारी शक्ति के साथ ही युवा ऊर्जा और बुजुर्ग नेताओं के तजुर्बे को भी तरजीह दी गई. यही कारण है कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने इस मंत्रिमंडल में 3 बुजुर्ग विधायकों को मंत्री बनाकर उनपर भरोसा जताया है.
लक्ष्मी नारायण चौधरी:71 वर्षीय लक्ष्मी नारायण चौधरी योगी सरकार 2.0 में सबसे अधिक उम्र के मंत्री हैं. 1985 में पहली बार चौधरी लक्ष्मी नारायण ने विधानसभा में कदम रखा था. तब उन्होंने लोकदल के टिकट पर छाता से भाजपा के किशोरी श्याम को हराया था. 1989 का चुनाव वह जनता दल के टिकट पर लड़े और भाजपा के किशोरी श्याम से हार गए तो 1993 के चुनाव में वो गोकुल से जनता दल के टिकट पर लड़े और फिर उन्हें पराजय का मुंह देखना पड़ा. इसके उपरांत 1996 में वो कांग्रेस में शामिल हो गए और छाता से दूसरी बार विधायक बने. लेकिन 2002 के चुनाव में अखिल भारतीय लोकतांत्रिक कांग्रेस के टिकट पर लड़ते हुए रालोद के तेजपाल सिंह से चुनाव हार गए थे.
वहीं, 2007 में वो फिर से छाता से बसपा के टिकट पर तीसरी बार विधायक बने. इसके बाद 2012 में बसपा प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरे लेकिन उन्हें पराजय का मुंह देखना पड़ा. हालांकि, 2017 आते-आते वो बसपा से भाजपा में चले आए और 2017 व 2022 वो भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े और उन्हें जीत हासिल हुई. बता दें कि लक्ष्मी नारायण चौधरी पहले भी 1996, 2004 व 2017 में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं.