लखनऊ : प्रदेश में संचालित फर्जी विद्यालयों के खिलाफ एक बार फिर से प्रदेश लेवल पर व्यापक सघन तलाशी अभियान की शुरुआत होने जा रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से जारी निर्देश के बाद बेसिक शिक्षा विभाग प्रदेश स्तर पर फर्जी विद्यालयों को तलाशने के लिए अभियान की शुरुआत करेगा. इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से सभी जिलों के खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं.
10 अक्टूबर तक की समय सीमा तय की गई थी : ज्ञात हो कि इससे पहले माध्यमिक व बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से प्रदेश लेवल पर गठित कमेटी ने फर्जी स्कूलों की तलाश की थी, लेकिन पूरे प्रदेश में उन्हें केवल डेढ़ सौ फर्जी विद्यालयों ही मिले थे. इसके लिए दोनों विभागों की तरफ से 10 अक्टूबर तक की समय सीमा तय की गई थी. इस तारीख के बीतने के बाद भी राजधानी में एक भी फर्जी विद्यालय का संचालन होता नहीं मिला था, जिसके बाद माध्यमिक सचिव की ओर से सख्त रुख अपनाने के बाद राजधानी में 33 प्रधानाचार्य की कमेटी का गठन किया था जो राजधानी में फर्जी विद्यालयों का संचालन रोकने के साथ ही उन पर कार्रवाई करने के लिए गठित की गई थी. अब एक बार फिर से फर्जी विद्यालयों पर कार्रवाई की तारीख को आगे बढ़कर 22 नवंबर कर दिया गया है.
22 नवंबर तक सभी जिलों को भेजनी होगी रिपोर्ट :बेसिक शिक्षा विभाग के संयुक्त शिक्षा निदेशक (बेसिक) गणेश कुमार ने सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं. इस पत्र में उन्होंने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों से 22 नवंबर तक उनके जिले में संचालित फर्जी व मान्यता रद्द हो चुके विद्यालयों की सूची उपलब्ध कराने को कहा है. प्रदेश में 14 वर्ष तक के बच्चों की शिक्षा के लिए सरकार की तरफ से परिषदीय प्राथमिक, जूनियर हाईस्कूल, सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूल, मान्यता प्राप्त प्रारंभिक एवं जूनियर हाईस्कूल संचालित किए जा रहे हैं. आरटीई अधिनियम में साफ तौर पर कहा गया है कि किसी भी विद्यालय का संचालन बिना मान्यता के ना हो.