लखनऊ: नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ उत्तर प्रदेश में बीते दो दिन लगातार प्रदर्शन और हिंसक घटनाएं होती रहीं. पुलिस-प्रशासन दंगाइयों को लगातार रोकने की कोशिश में लगा रहा. इन घटनाओं को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दोबारा आम जनता से शांति बनाए रखने की अपील की.
प्रदेश के कई हिस्सों में शुक्रवार को जोरदार प्रदर्शन देखने को मिला. मुरादाबाद, मेरठ, बुलंदशहर, फिरोजाबाद, गोरखपुर, कानुपर, वाराणसी, मुजफ्फनगर, बिजनौर समेत कई जिलों में हजारों लोगों ने सड़कों पर उतरकर उग्र प्रदर्शन किया.
सीएम योगी ने की अपील
दूसरे दिन भी प्रदर्शन को देखते हुए उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने लोगों से शांति बनाए रखने और किसी भी अफवाहों पर विश्वास न करने की अपील की. उन्होंने कहा कि किसी को भी कानून हाथ में नहीं लेना चाहिए.
इंटरनेट सेवाओं पर रोक
पुलिस ने स्थिति पर काबू पाने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़े. इस हिंसक प्रदर्शन में यूपी में कई लोग भी मारे गए हैं. यूपी में कई जिलों में इंटरनेट सेवा पर रोक लगा दी गई है.
6 लोगों की मौत
नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में यूपी के कई जिलों में हुई हिंसा के बाद 6 लोगों की मौत हो गई है. उपद्रव के दौरान 6 लोगों की मौत हुई है, जिनमें से एक फिरोजाबाद, एक कानपुर, दो बिजनौर एक मेरठ और एक सम्भल में मौत हुई है. वहीं, इससे पहले राजधानी लखनऊ में गुरुवार को हुई हिंसा के दौरान गोली चलने के कारण मोहम्मद वकील ऑटो चालक की इलाज के दौरान मौत हो गई थी.
150 गिरफ्तार, 100 नजरबंद
लखनऊ में हुई हिंसा और आगजनी में करीब 150 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि 100 से अधिक लोगों को नजरबंद किया गया है. वहीं रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी एसआर दारापुरी को दंगा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.
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हिंसा में बाहरी लोगों के शामिल होने का शक
डीजीपी ओपी सिंह ने कहा है कि हिंसा में बाहरी लोग शामिल हुए थे. इसमें बहराइच और बाराबंकी के लोगों के शामिल होने के सबूत मिले हैं. वहीं हिंसा में कुछ ऐसे लोगों को चिन्हित किया गया है, जिनकी भाषा यूपी की नहीं है. आशंकाएं हैं कि ये लोग पश्चिम बंगाल के हैं. ऐसे में गिरफ्तार हिंसक प्रदर्शनकारियों के जब्त फोन की जांच की जा रही है.
नागरिकता कानून किसी मजहब के खिलाफ नहीं
पीएम मोदी पहले ही कह चुके हैं कि नागरिकता कानून किसी जाति, मत, मजहब के खिलाफ नहीं है, बल्कि यह भारत के प्रत्येक नागरिक को सुरक्षा की गारंटी देता है. इसके बाद भी इस प्रकार का हिंसक प्रदर्शन कानून को नकारने जैसा है.