लखनऊ: बुधवार को केजीएमयू के 9वां एनुअल कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडियन सोसाइटी फॉर ट्रामा सेंटर एंड एक्यूट केयर कॉन्फ्रेंस का आयोजन हुआ. स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह व चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना के साथ मुख्य अतिथि के तौर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस कार्यक्रम में शिरकत की. इस कार्यक्रम में देश-प्रदेश में हो रही सड़क दुर्घटनाओं के बाद ट्रॉमा केयर और उससे संबंधित तमाम चिकित्सा प्रक्रिया पर संगोष्ठी हुई. संगोष्ठी करीब तीन दिन तक चलेगी.
सीएम योगी ने सड़क दुर्घटना पर जताई चिंता
सीएम योगी ने अपने भाषण में कहा कि प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में बड़ी संख्या में मौतें हो रही हैं और ये मौतें कहीं न कहीं नादानी और अज्ञानता की वजह से हो रही हैं. समय से इलाज न मिलने के कारण मौतें हो रही हैं. उन्होंने कहा कि जब मैं मुख्यमंत्री बना तो विभागीय स्तर पर बैठक की और सड़क मार्गों पर लगे बोर्डों को उचित जगह पर लगाने के आदेश दिए.
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इंसेफेलाइटिस से बचाव के लिए किए गए प्रयासों की दी जानकारी
ट्रामा से संबंधित चर्चा होने के बाद उन्होंने इंसेफेलाइटिस से उत्तर प्रदेश को बचाने के लिए किए गए प्रयासों के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि जब वे सांसद रहे, तब भी उन्होंने इस बीमारी पर खासा काम किया. सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र में इंसेफेलाइटिस का प्रकोप काफी समय से था. इंसेफेलाइटिस बीमारी से 1977 से 2016 तक के वर्षों में भारी संख्या में लोगों की मृत्यु हो जाती थी. हमने सबसे पहले इस पर ही अपनी निगाहें जमाई और इसको जड़ से खत्म करने का निर्णय लिया. 2017 में 886 मरीज भर्ती हुए थे, जिसमें 88 मरीजों की जान चली गई थी. इसके बाद 2018 में सिर्फ 86 ही मरीज भर्ती हुए. इसमें से 6 मरीजों की मौत हुई थी.