देहरादून/लखनऊ:एक लंबे संघर्ष के बाद उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भगवान श्रीराम मंदिर का निर्माण 15 जनवरी यानी मकर संक्रांति से शुरू होने जा रहा है. संक्रांति से नींव के लिए जमीन की खुदाई का काम शुरू हो जाएगा. न्यास ने दिसम्बर 2023 तक मंदिर निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा है.
ऐसे में देशभर से तमाम लोग राम मंदिर निर्माण में सहयोग करने के लिए सामने आ रहे हैं, तो वहीं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेश की जनता से अपील की है कि वह भी राम मंदिर निर्माण में सहयोग करें. सीएम ने यह भी अपील की है कि जिस तरह से राम सेतु निर्माण में एक गिलहरी तक ने अपना योगदान दिया था. ऐसे में लोगों को इस पुनीत कार्य के लिए बढ़-चढ़कर आगे आना चाहिए.
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोशल मीडिया के माध्यम से कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में अयोध्या में करोड़ों हिंदुओं की आस्था के प्रतीक प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो चुका है. अब हम सबकी यह सामूहिक जिम्मेदारी है कि रामलला की जन्मभूमि में निर्मित होने वाले भव्य राम मंदिर निर्माण में सहयोग करने के लिए आगे आएं. साथ मनोभाव व श्रद्धाभाव से इस पुनीत कार्य हेतु 'श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र' के बैंक एकाउंट में हम अपना सहयोग करें. जय श्री राम!
काशीपुर में श्रीराम मंदिर निधि समर्पण अभियान की शुरुआत
अयोध्या में श्रीराम मंदिर के निर्माण के लिए निधि संग्रह के उद्देश्य से काशीपुर में सोमवार से श्रीराम जन्म भूमि मंदिर निर्माण निधि समर्पण अभियान समिति कार्यालय का शुभारंभ किया गया. बाजपुर रोड स्थित अजय भरतिया सरस्वती विद्या मंदिर में आयोजित कार्यालय के शुभारंभ के अवसर पर हनुमान धाम मंदिर रामनगर से आये आचार्य विजय, आरएसएस के सह प्रांत प्रचारक देवेंद्र और राघवेंद्र नागर मौजूद रहे.
अयोध्या राम मंदिर निर्माण.
मंच से बोलते हुए वक्ताओं ने कहा कि राम मंदिर में किसी न किसी तरह का योगदान करना हम सबके लिए अभूतपूर्व क्षण है. जिसमें हम सभी को अपना सहयोग देना चाहिए. यह श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण निधि समर्पण अभियान 15 जनवरी से 5 फरवरी तक चलेगा, जिसके तहत ₹10, ₹100 और ₹1000 तक के तीन श्रेणी के कूपन रखे गए हैं. उसके ऊपर की निधि के लिए रसीद की व्यवस्था की गई है.
निधि संग्रह के माध्यम से प्रत्येक हिन्दू और उसके परिवार को निधि सहयोग के माध्यम से राम मंदिर से भावनात्मक रूप से जोड़ना है. इस मौके पर आचार्य विजय ने कहा कि धन संग्रह इसीलिए नहीं किया जा रहा है कि किसी के धन से वह राम मंदिर बनना है, बल्कि भारत के 130 करोड़ नागरिकों के स्वप्न को साकार करने के लिए और जिन भगवान राम का नाम जन्म और मृत्यु के समय लिया जाता है, उन्हीं राम के मंदिर के निर्माण में उनका सहयोग रहा है. ऐसी भावना जगाने के लिए धन संग्रह किया जा रहा है.