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सीएम ने पांच हजार स्वास्थ्य उपकेंद्र व मां नवजात ट्रैकिंग ऐप का किया लोकार्पण, जानें क्या है खासियत - CM inaugurated five thousand health sub-centres

लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने रविवार देर शाम अपने सरकारी आवास पर 5000 नवीन स्वास्थ्य उपकेंद्रों, 15 बीएसएल-2 प्रयोगशालाओं तथा मां नवजात ट्रैकिंग ऐप (मंत्र) MANTRA का लोकार्पण किया.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

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Published : Dec 5, 2021, 10:50 PM IST

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने रविवार देर शाम अपने सरकारी आवास पर 5000 नवीन स्वास्थ्य उपकेंद्रों, 15 बीएसएल-2 प्रयोगशालाओं तथा मां नवजात ट्रैकिंग ऐप (मंत्र) MANTRA का लोकार्पण किया.

इस अवसर पर उन्होंने मातृ स्वास्थ्य एवं टीकाकरण सेवाओं में उत्कृष्ट सेवाएं प्रदान करने वाली एएनएम को प्रशस्ति-पत्र प्रदान कर सम्मानित किया. इनमें विभिन्न जनपदों में कार्यरत एएनएम शामिल हैं.

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मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश के प्रत्येक नागरिक के जीवन और स्वास्थ्य की सुरक्षा के प्रति राज्य सरकार प्रतिबद्ध है. विगत साढ़े चार वर्षों के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और उसमें सुधार के अभूतपूर्व और उल्लेखनीय प्रयास किए गए हैं. इनके बेहतर परिणाम अब दिखायी देने लगे हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि इनके लोकार्पण से नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध होंगी. उन्होंने लोकार्पित नवीन स्वास्थ्य उपकेंद्रों के जनपदों से संबंधित जनप्रतिनिधिगण और जनता को बधाई और शुभकामनाएं दीं.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद 74 वर्षों तक प्रदेश में 20,000 स्वास्थ्य उप केंद्र थे जबकि वर्तमान सरकार ने एक दिन में एक साथ 5,000 स्वास्थ्य उप केंद्रों का शुभारंभ कर नया इतिहास रचा है. यह स्वास्थ्य उप केंद्र, स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित क्षेत्रों और पिछड़े जनपदों में जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने में सक्षम होंगे.

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में देश और प्रदेश में कोविड को नियंत्रित करने में उल्लेखनीय सफलता मिली है किंतु कोरोना अभी समाप्त नहीं हुआ है. इसका नया वेरियंट विश्व के कई देशों में लोगों को प्रभावित कर रहा है. उन्होंने कोविड नियंत्रण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) का अभिनंदन करते हुए स्वास्थ्य विभाग की टीम (health department team) के प्रयासों की सराहना की.

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 16 करोड़ से अधिक कोविड वैक्सीन की डोज लोगों को उपलब्ध करायी जा चुकी है. वैक्सीनेशन का कार्य अभियान चलाकर तेजी से किया जा रहा है. वैक्सीन ही सुरक्षा कवच है. केवल वैक्सीनेशन ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश कोविड के सर्वाधिक टेस्ट करने वाला राज्य भी बन चुका है. यहां कोविड के सर्वाधिक बेड्स उपलब्ध हैं.

उत्तर प्रदेश जैसी बड़ी आबादी वाले राज्य में बेहतर कोविड प्रबंधन से कोरोना महामारी को नियंत्रित करने में सफलता मिली है. मुख्यमंत्री ने कहा कि इंसेफेलाइटिस सहित वेक्टर जनित रोगों के नियंत्रण में राज्य सरकार ने सफलता प्राप्त की है. स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालयों का निर्माण व्यापक पैमाने पर किया गया है.

यह मिशन अब एक जन आंदोलन का रूप ले चुका है. इसी प्रकार, जल जीवन मिशन के अंतर्गत प्रदेश के नागरिकों को शुद्ध पेयजल की सुविधा उपलब्ध हो रही है. इंसेफेलाइटिस और कोविड नियंत्रण में सफलता अंतर्विभागीय समन्वय और टीम वर्क का प्रमाण है.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड के प्रथम चरण के दौरान राज्य में कोविड जांच की सुविधा उपलब्ध नहीं थी. लेकिन आज 15 जनपदों में बीएसएल लैब के लोकार्पण के बाद प्रदेश के सभी 75 जनपदों में आरटीपीसीआर जांच सुविधा से युक्त लैब क्रियाशील हो जाएंगी.

प्रदेश में प्रतिदिन 4 लाख जांच की क्षमता विकसित की जा चुकी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश का विगत साढ़े चार वर्षों के दौरान मातृ शिशु मृत्यु दर को कम करने तथा संस्थागत प्रसव के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन रहा है.

उत्तर प्रदेश पूर्व में जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में पीछे था किन्तु वर्तमान सरकार के कार्यकाल में प्रदेश ने जनकल्याणकारी योजनाओं एवं कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में उपलब्धि हासिल की है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी सरकारी चिकित्सा इकाइयों में प्रसव उपरान्त सूचना का संकलन किए जाने के आशय से मां नवजात ट्रैकिंग ऐप (मंत्र) MANTRA प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं में संचार क्रांति का महत्वपूर्ण प्रयोग साबित होगा.

यह पेपरलेस सुविधा और पारदर्शी व्यवस्था की दिशा में अत्यंत प्रभावी कदम है. ‘मंत्र’ ऐप के माध्यम से राजकीय चिकित्सा स्वास्थ्य इकाइयों पर होने वाले प्रसव से संबंधित सूचनाओं का संकलन, मूल्यांकन और अनुश्रवण हो सकेगा.

इससे मातृ शिशु मृत्यु दर में कमी आएगी. इस अवसर पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री अतुल गर्ग, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी, यूनीसेफ के प्रतिनिधि आदि उपस्थित थे.

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