लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नंबर 1076 का शुभारंभ किया. इस दौरान सीएम योगी ने कहा कि इसमें काम करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के कैरेक्टर से जोड़ा जाएगा. इसमें अच्छा काम करने वाले को प्रमोशन भी मिलेगा. उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि जो लोग काम में लापरवाही करेंगे उन्हें छुट्टी पर भेज दिया जाएगा. हेल्पलाइन शिकायतकर्ता की परेशानी का जब तक निराकरण नहीं हो जाता, तब तक इसका फॉलो किया जाएगा.
सीएम योगी ने दिए निर्देश-
- सीएम योगी ने कहा कि जनता दर्शन के दौरान शुरू के एक साल में 22 लाख शिकायतें आई हैं.
- इन शिकायतों में से 20 लाख शिकायतों का निस्तारण हुआ है.
- उन्होंने कहा कि शिकायतें जिलों से मुख्यालय तक नहीं आना चाहिए.
- अगर जिले स्तर पर समस्याओं का निस्तारण कर दिया जाए तो यहां तक आएंगी ही नहीं.
- आप शिकायत नहीं कर सकते, कोई व्यक्ति आपके पास बार-बार नहीं आएगा.
- पहली बार में ही शिकायत का निस्तारण किया जाए.
- सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव मॉनिटरिंग करें और इसकी साप्ताहिक समीक्षा करें.
- सीएम योगी ने कहा कि सभी विशेष सचिव, सचिव सुन लें कि आपके निस्तारण का तरीका आपसे जुड़ेगा.
सीएम हेल्पलाइन 1076 शुरू.
काम के आधार पर होगा प्रमोशन-
- इस हेल्पलाइन में शिकायतकर्ता यूपी में किसी भी स्थान से इसके टोल फ्री नंबर 1076 पर फोन करके अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है.
- इस कॉल सेंटर में 500 सीटों की व्यवस्था है, जिसमें शिकायत दर्ज करने को स्टॉफ 24 घंटे मौजूद रहेगा.
- इस हेल्पलाइन से सीधे 500 लोगों को रोजगार मिला है. आईजीआरएस, 102, 108 जैसी सेवाओं के साथ इस हेल्पलाइन को जोड़ा गया है.
- सीएम ने कहा कि मुख्यमंत्री हेल्पलाइन को 1090 से भी जोड़ा जाएगा.
- एक बार में 80 हजार कॉल सुनने की क्षमता इस हेल्पलाइन में है.
- मुख्यमंत्री ने खेद जताया कि आईजीआरएस पर भी सुनवाई होती है, लेकिन अपेक्षित नतीजे नहीं मिले हैं.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले जनता दर्शन शुरू किया था, जिसको लेकर अपेक्षित परिणाम नहीं आए. अब सीएम योगी ने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन की शुरुआत की है. अधिकारियों की जवाबदेही भी तय कर दी गई है. उन्होंने कहा है कि पहले तो अधिकारी यह तय करें कि शिकायत करनी ही न पड़े, अगर शिकायत होती हैं तो हेल्पलाइन संबंधित विभाग को सूचित करेगा. संबंधित विभाग कार्रवाई करके और फिर हेल्पलाइन को सूचित करेगा. अगर निस्तारण हो गया है तो वह फाइल वहीं पर बंद कर दी जाएगी. अगर निस्तारण नहीं हो सका तो उसे उक्त विभाग के उच्चाधिकारी को प्रेषित किया जाएगा.