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उत्तर प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी में IAS और IPS के टकराव की नई इबारत लिखेगा मुख्य सचिव का यह आदेश - यूपी ब्यूरोक्रेसी

मुख्य सचिव के एक आदेश से एक बार फिर उत्तर प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी में IAS और IPS के बीच अधिकारों को लेकर टकराव की स्थिति बन गई है. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को डीएम की अध्यक्षता वाली बैठक में शामिल होने की बात दोनों वर्गों के बीच अहम के टकराव का कारण माना जा रहा है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 31, 2023, 5:34 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में इस और आईपीएस के बीच चल रही तनातनी अब और अधिक जोर पकड़ सकती है. मुख्य सचिव के एक आदेश के मुताबिक कानून व्यवस्था को लेकर ऐसे जिले जहां पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू नहीं है वहां जिलाधिकारी पुलिस की कानून व्यवस्था के संबंध में बैठक करेगा. ऐसे में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को डीएम की अध्यक्षता वाली बैठक में बैठना होगा. जिससे एक बार फिर आईएएस और आईपीएस के बीच में अहम का टकराव होने की आशंका है. फिलहाल यूपी की ब्यूरोक्रेसी में मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र का यह आदेश इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है.

मुख्य सचिव का आदेश.

उत्तर प्रदेश के अनेक बड़े जिलों में कमिश्नर सिस्टम लागू होने के बाद पुलिस और प्रशासन के बीच का टकराव आए दिन की बात हो रही है. आईएएस और आईपीएस संवर्ग के बीच अधिकारों को लेकर रास्ताकशी बनी रहती है. माना जा रहा है कि IAS इन दोनों आईपीएस के मुकाबले कमजोर पड़ रहे हैं. ऐसे मुख्य सचिव का या आदेश ब्यूरोक्रेसी में नई हलचल पैदा कर सकता है. इस संबंध में हुई एक बैठक के बाद मुख्य सचिव ने सभी जिलों में यह आदेश जारी कर दिया है.


मुख्य सचिव ने बनाई यह नई व्यवस्था

कानून व्यवस्था एवं विकास कार्यों की बैठक पृथक-पृथक आहूत की जाए. यह बैठके प्रत्येक माह CM-डैशबोर्ड पर मासिक रैंकिंग के प्रकाशन के एक सप्ताह के भीतर की जाएं.
विकास कार्यों की समीक्षा के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बैठक की जाएगी जिसमें विभिन्न विभागों के अधिकारी प्रतिभाग करेंगे. जिन जनपदों में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू है, उन जनपदों में कानून-व्यवस्था की समीक्षा के लिए पुलिस आयुक्त की अध्यक्षता में बैठक की जाएगी. जिसमें अपर पुलिस आयुक्त, संयुक्त पुलिस आयुक्त, पुलिस उप आयुक्त, सहायक पुलिस आयुक्त, वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी, डीजीसी एवं सभी थानाध्यक्ष प्रतिभाग करेंगे.


जिन जनपदों में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू नहीं है, उन जनपदों में कानून व्यवस्था की समीक्षा के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बैठक पुलिस लाइन पर की जाएगी. जिसमें जनपद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक / पुलिस अधीक्षक / अपर जिलाधिकारी (प्रशासन), अपर पुलिस अधीक्षक, पुलिस उपाधीक्षक, वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी, डीजीसी एवं सभी थानाध्यक्ष प्रतिभाग करेंगे। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक / पुलिस अधीक्षक द्वारा कानून-व्यवस् था की बैठक स्वयं के स्तर पर जिलाधिकारी की बैठक से पूर्व कर ली जाए.


विकास कार्यों के लिए जनपद में मुख्य विकास अधिकारी CM- डैशबोर्ड के नोडल अधिकारी होंगे तथा कानून व्यवस्था हेतु जनपद में अपर पुलिस अधीक्षक / पुलिस उपायुक्त नोडल अधिकारी होंगे। राजस्व सम्बन्धी प्रोजैक्टों की समीक्षा किए जाने हेतु अपर जिलाधिकारी (वि/रा) सहायक नोडल अधिकारी होंगे। CM- डैशबोर्ड के माध्यम से समीक्षा हेतु जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी (DEStO) तकनीकी नोडल अधिकारी के रूप में कार्य करेंगे.

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