लखनऊ : प्रदेश में स्टांप एवं पंजीयन विभाग की तरफ से सभी जिलों में सर्किल रेट बढ़ाने का काम किया जाता है पिछले कुछ समय में लगातार सर्किल रेट काफी तेजी से बढ़ रहे हैं. बेतहाशा सर्किल रेट बढ़ने से अचल संपत्ति खरीदने वाले लोगों को स्टांप खरीदने में तमाम तरह की मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. संपत्ति की कीमत कम होने के बावजूद सर्किल रेट अधिक होने की वजह से खरीदारों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.
उदाहरण के रूप में अगर बताएं तो जब सर्किल रेट का रिवीजन किया जाता है और नई दरें प्रस्तावित की जाती हैं तो प्रशासन के स्तर पर सर्वे कराने के काम किए जाते हैं. एक क्षेत्र का सर्वे उसके विकास सड़क व अन्य मापदंडों के आधार पर किया जाता है. इसके बाद सर्किल रेट लागू किया जाता है. कई बार ऐसा होता है कि किसी एक क्षेत्र में सर्किल रेट अगर 15 से ₹20000 वर्गमीटर निर्धारित किया जाता है तो उसी आधार पर रजिस्ट्री कराने की प्रक्रिया होती है. जब अचल संपत्ति या अन्य कोई संपत्ति बेचने की बात होती है तो कई बार सर्किल रेट से कम कीमत उस प्रॉपर्टी की मिलती है. जब उसका जो खरीदार होता है वह सर्किल रेट के आधार पर ही स्टांप आदि खरीदने की कार्रवाई करता है, जिससे उसका अधिक पैसा खर्च होता है.
कई बार ऐसा होता है कि सर्किल रेट अधिक रहता है और जो प्रॉपर्टी है वह संबंधित क्षेत्र में पिछड़े क्षेत्र की है. जहां पर सड़क की चौड़ाई भी कम है और अन्य विकास के कार्य भी वहां पर नहीं हुए हैं. ऐसे में उस प्रॉपर्टी की कीमत काफी कम खरीदार की तरफ से लगाई जाती है, लेकिन उस क्षेत्र का सर्किल रेट अधिक होने की वजह से खरीदार को परेशानी का सामना करना पड़ता है. स्टांप एवं पंजीयन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि हम सर्वे के आधार पर ही सर्किल रेट की दरें रिवाइज करते हैं. इसके बाद उसका प्रकाशन किया जाता है किसी को अगर आपत्ति होती है तो आपत्ति और सुझाव मांगे जाते हैं और उसका निस्तारण भी कराया जाता है.
सर्किल रेट निर्धारित करने अपनी एक प्रक्रिया है उस प्रक्रिया के अनुरूप संबंधित क्षेत्र में सर्किल रेट को रिवाइज किया जाता है. वहां पर सड़क की चौड़ाई विकास के कार्य कालोनी के स्वरूप ग्रामीण क्षेत्र का स्वरूप आदि देखने के बाद ही सर्किल रेट तय किया जाता है. अगर कहीं कोई विसंगति होती है उसे दूर किया जाता है. काफी बार देखा गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे तमाम जगह होते हैं जहां पर ठीक ढंग से मूल्यांकन नहीं होता है जिससे सर्किल रेट अधिक हो जाता है इससे किसानों को तमाम तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. सरकार सरकार को इस तरफ ध्यान देना चाहिए. जिससे व्यवस्थित तरीके से समान रूप से सर्किल रेट लागू करने की कार्रवाई की जाए. संबंधित क्षेत्र की लोकेशन और तमाम अन्य मांगों को देखते हुए सर्किल रेट लागू किया जाना चाहिए. जिसे विक्रेता को पूरा लाभ मिल सके.