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अत्यधिक गर्मी से बच्चे हो रहे दस्त का शिकार, ऐसे रखें उनका ख्याल - बच्चों के लिए डॉक्टर की सलाह

गर्मी बढ़ने के साथ ही बीमारियों का प्रकोप बढ़ रहा है. खासकर इस समय बच्चे को गर्मी से बचाने की बहुत ही जरूरत है. इस समय वायरल फीवर और दस्त के कारण अस्पतालों में बच्चों की संख्या बढ़ रही है.

लखनऊ
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Published : Apr 23, 2023, 8:27 AM IST

लखनऊ: तापमान में लगातार बढ़ोत्तरी होने से शरीर में संक्रमण भी बढ़ रहा है. बच्चों सहित हर किसी में गर्मी में दस्त और अपच की परेशानी सामने आती है. सिविल अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. वीके गुप्ता ने बताया कि बच्चों को अधिक पानी पीने की आदत डलवाएं. खाना इकट्ठा नहीं, नियमित अंतराल पर थोड़ा-थोड़ा खिलाएं. अस्पतालों में पीडियाट्रिक विभाग में पीड़ित बच्चों की संख्या बढ़ गई है. इमरजेंसी में भी मरीज इस समय बच्चों को लेकर आ रहे हैं.

सिविल अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉक्टर संजय कुमार ने बताया कि मौजूदा समय में कोरोना का नया वैरीएंट ओमीक्रोन xbb1.16 और ओमीक्रोन xbb1.15 चल रहा है. यह वायरस जितना बड़ों के लिए घातक है, उतना ही बच्चों के लिए भी घातक है. लेकिन बता दें कि इस समय स्थिति स्थिर है. बहुत अधिक संक्रमित बच्चे नहीं मिल रहे हैं. अस्पताल की ओपीडी में इस समय दस्त से परेशान बच्चों की संख्या अधिक है. सभी में लगभग एक समान ही लक्षण हैं.

राजधानी के सरकारी अस्पतालों में वायरल बुखार से पीड़ित बच्चों की संख्या अधिक हो गई है. सिविल अस्पताल के वरिष्ठ पीडियाट्रिशियन डॉ संजय कुमार ने बताया कि प्रदेश भर में इस समय कोरोना के मरीज बढ़ रहे हैं. वहीं, इससे पहले वायरल बुखार ने भी कहर बरपाया था. इस समय अस्पताल की ओपीडी में रोजाना 200 से अधिक वायरल बुखार से पीड़ित बच्चे इलाज के लिए आ रहे हैं. इनमें बहुत सारे बच्चों में एक समान लक्षण हैं, जिसमें सर्दी, जुखाम-बुखार शामिल है. इसके अलावा कुछ बच्चे ऐसे हैं जो डायरिया से पीड़ित हो रहे हैं. ऐसे में छोटे बच्चे इन दोनों ही तरह की बीमारियों से पीड़ित हो सकते हैं. इस समय अस्पताल की ओपीडी में कुल 12 बच्चे भर्ती हैं. इनमें से शनिवार को एक बच्चे की कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. उन्होंने कहा कि भीड़ भाड़ में बच्चों को बाहर न ले जाएं. इसके अलावा खुद भी मास्क लगाएं और बच्चे को भी मास्क लगाएं, ताकि वायरस की गिरफ्त में न आ सके.

डॉ संजय ने बताया कि बच्चों की तबीयत बहुत जल्दी नहीं खराब होती है. बच्चों की इम्यूनिटी बहुत मजबूत होती है. लेकिन, बच्चों के खान-पान व मौसम में जब परिवर्तन होता है तो बच्चों को मामूली सर्दी, जुखाम और बुखार आसानी से हो जाता है. इसलिए अभिभावकों को भी जागरूक होना है कि इस समय कोरोनावायरस का समय है. ऐसे में बच्चों का विशेष ख्याल रखना है. बच्चे को अचानक से गर्म मौसम में न भेजें या फिर गर्म वातावरण से एसी वाले कमरे में न भेजें. इस समय बच्चों को बचाने की खास जरूरत है. बच्चे इस मौसम में बीमार हो रहे हैं, तो कमजोरी भी बहुत आ रही है.

उन्होंने बताया कि अभिभावकों को ध्यान देना होगा कि यदि घर का कोई भी सदस्य कोविड पॉजिटिव है या फिर उसको सर्दी, जुखाम, बुखार है तो वह बच्चे के नजदीक न जाए. बच्चे को अपने साथ न सुलाएं. बच्चे को बोतल से दूध न पिलाएं. उन्होंने कहा कि इस समय बच्चों को वायरस से बचाने की आवश्यकता है. अगर घर में कोई भी संक्रमित है तो बच्चे के नजदीक न जाए.

संक्रमित मां बच्चे को न कराए स्तनपान

डॉ. संजय ने कहा कि जैसा कि हम सभी जान रहे हैं कि इस समय महामारी का दौर चल रहा है. जब तक यह महामारी पूरी तरह से समाप्त नहीं हो जाती, तब तक अभिभावकों को खुद का ख्याल रखते हुए अपने बच्चों का भी ख्याल रखना है. क्योंकि अगर महिला बीमार होगी तो बच्चे की भी तबीयत खराब होगी. इस स्थिति में अगर किसी महिला की तबीयत खराब है तो वह अपने बच्चे को स्तनपान न कराए.

इन बातों का रखें ख्याल

बच्चे को दूध कटोरी चम्मच से ही पिलाएं. बच्चे को स्वच्छ पानी पिलाएं. बच्चे को मौसमीय फल खिलाते रहें. बच्चों को मास्क पहनाकर ही रखें. बच्चों के नहाने का एक समय निर्धारित करें. कोशिश करें बच्चों को नॉर्मल पानी से नहलाएं. बच्चों को अधिक से अधिक पानी पिलाएं, ताकि डिहाइड्रेशन की दिक्कत न हो.

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