लखनऊः देश में कोरोना की चौथी लहर का खतरा मंडराने लगा है. इसमें सबसे ज्यादा बच्चों में संक्रमण का खतरा है. ऐसे में यूपी सरकार ने पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (पीकू), नियोनेटल इंटेसिंव केयर यूनिट (नीकू) के बेड बढ़ाने का फैसला लिया है. इससे गंभीर बच्चों को समय पर इलाज मिल सकेगा.
डीजी हेल्थ डॉक्टर देवव्रत सिंह के मुताबिक हर जिले की चार सीएचसी पर बच्चों के बर्ती की व्यवस्था की गई है. यहां पहले 30 बेड थे, जिन्हें 50 बेड करने का फैसला किया गया. वहीं बच्चों के लिए पहले 10-10 बेड आरक्षित किये गये थे. अब सीएचसी पर 20-20 बेड रिजर्व होंगे. इसी तरह जिला अस्पतालों में 40 बेड से बढ़ाकर 50 बेड और मंडल मुख्यालय पर 80 बेड से इजाफा कर 100 बेड गंभीर बच्चों के इलाज के लिए होंगे.
वहीं मेडिकल कॉलेजों में 100-100 बेड बच्चों के लिए हैं. इसमें से 50 फीसदी बेड एचडीयू-आईसीयू वाले होंगे. इन पर वेंटीलेटर, बाईपैप, एचएफएनसी जैसे जीवन रक्षक उपकरण हैं. बच्चों के इलाज के लिए कुल 6700 बेड से बढ़कर 12 हजार पार हो जाएंगे. 551 ऑक्सीजन प्लांट शुरू, 30 हजार ऑक्सीजन कन्संट्रेटर अस्पतालों में 551 ऑक्सीजन प्लांट शुरू हो गये हैं. इसमें 525 ऑक्सीजन जनरेटर हैं, जो कि 30 से लेकर 90 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन हवा से तैयार करते हैं.