लखनऊ : बच्चों के बिना जिंदगी अधूरी है. हां, यह सही है.. भारत की संस्कृति यही है कि अपने बच्चों को सारी सुख-सुविधाएं दी जाएं. लाड़-प्यार से बच्चों को पाला जाएगा. बच्चे उपवन का फूल हैं. अपने जीवन में जो इच्छा अधूरी रह गई वह सुख सुविधा हम अपने बच्चों को देते हैं, लेकिन बहुत से ऐसे बच्चे हैं जिन्होंने बचपन में ही अपने माता-पिता को खो दिया. बहुत सारी एनजीओ ने प्रदेश में बच्चों के लिए अच्छा काम किया है. यह एक ऐसा मंच है जहां अनेक संस्थाएं शामिल हैं. उनके भविष्य के बेहतर व्यवस्था के लिए सोचा जाएगा. आयुष्मान भारत योजना के तहत अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं लोगों को मिल रही हैं. बच्चे कल का आने वाले भविष्य हैं. बच्चों को लेकर यह बहुत ही शानदार मंच है. जहां पर बच्चों के विकास को लेकर चर्चा होगी. यह बातें प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने सोमवार को समागम कार्यक्रम के दौरान कहीं. समागम कार्यक्रम सेफ सोसायटी के द्वारा आयोजित हुआ.
डिप्टी सीएम ने कहा कि पिछली सरकार में कभी भी तमाम योजनाओं के बारे में नहीं सोचा, लेकिन वर्तमान सरकार ने बहुत सारी योजनाएं बच्चों के लिए और सभी के लिए लाई है. यहां तक की कोरोना काल से जरूरतमंदों को निशुल्क राशन दिया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निशुल्क राशन को आगे पांच साल के लिए बढ़ा दिया गया है. इसके अलावा घर-घर नल है. 75 जिलों में बिजली और पानी की व्यवस्था की गई है. विकसित देश की ओर हम बढ़ रहे हैं. इसके लिए सभी एनजीओ के सहयोग के लिए धन्यवाद करते हैं.