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बच्चों को थाने में बैठने को लेकर डीजीपी हुए सख्त, बाल संरक्षण आयोग ने जताई थी नाराजगी

थानों में बच्चों को रातभर बैठाए जाने को लेकर उत्तर प्रदेश बाल संरक्षण आयोग ने नाराजगी जाहिर की है. इस बाबत आयोग की सदस्य डॉ. शुचिता चतुर्वेदी के पत्र के बाद डीजीपी विजय कुमार ने सभी जोन के अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस कमिश्नर, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों और पुलिस अधीक्षकों को दिशा निर्देश जारी किए हैं.

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Published : Jun 22, 2023, 4:37 PM IST

लखनऊ :उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में बच्चों को रात भर थाने में बैठाए जाने को लेकर बाल संरक्षण आयोग की नाराजगी के बाद डीजीपी ने सख्त निर्देश जारी किए हैं. डीजीपी विजय कुमार ने निर्देश दिए है कि रात में किसी भी बच्चे को थाने में न रखा जाए. यदि निर्देशों का उल्लंघन किया गया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी.

बच्चों को थाने में बैठने को लेकर डीजीपी हुए सख्त.

डीजीपी विजय कुमार ने सभी जोन के अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस कमिश्नर, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों और पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए हैं कि थानों में रात में किसी भी बच्चे को न रखें. यदि इस निर्देश का उल्लंघन किया गया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी. दरअसल, उत्तर प्रदेश राज्य बाल संरक्षण आयोग की सदस्य डॉ. शुचिता चतुर्वेदी ने बीते 17 मई को डीजीपी को पत्र लिखकर बच्चों को थाने में बैठाए जाने पर आपत्ति जताई थी. आयोग ने कहा था कि कुछ मामलों में बच्चे-बच्चियों को कई दिनों तक थाने में रखा जाता है.

पत्र में आयोग की सदस्य डॉ. शुचिता चतुर्वेदी ने लिखा था कि आयोग को निरंतर ऐसी सूचनाएं मिल रही हैं कि बालिकाओं और बच्चों को रात्रि में थानों में रखा जा रहा है. कुछ मामलों में तो कई दिन तक थाने में रखा गया जो जेजे एक्ट 2015 की धारा 8 (3) (i) के विरुद्ध है. पॉक्सो एक्ट के तहत किसी भी बच्चे को थाने में रखना अनुचित ही नहीं, विधि विरुद्ध भी है. इस पर संबंधित पुलिसकर्मी के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है. यदि रात में कोई बच्चा पुलिस को मिलता है तो उसे आश्रय गृहों में रखा जाए. जहां आश्रय स्थल नहीं हैं, वहां वन स्टाप सेंटर में रखने हिदायत दी गई है.

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