लखनऊ : राजधानी में करीब ढाई सौ बच्चे ऑटिज्म से पीड़ित हैं. बच्चों का इलाज मामूली दवाई देकर काउंसलिंग के जरिए किया जा रहा है. जो बच्चे 3 साल से कम उम्र के हैं, उनकी रिकवरी दर करीब 70 फीसदी है. ऐसे बच्चों को विदेशी सुविधाओं से सुसज्जित चिकित्सा सुविधा देने के लिए लखनऊ में जल्द ही चाइल्ड न्यूरोलॉजी हॉस्पिटल खोला जाएगा.
न्यूरो डिसऑर्डर से पीड़ित बच्चे का अगर 3 साल के अंदर इलाज शुरू कर दिया जाए तो उसके ठीक होने की संभावना 80 फ़ीसदी रहती है, लेकिन 3 साल से 5 साल के बीच उम्र होने पर 50 प्रतिशत बच्चे ही ठीक होते हैं. करीब 100 बच्चों में 3 बच्चों में यह जेनेटिक बीमारी होती है. इसमें करीब 60 फीसदी बालक एवं 40 फीसदी बालिका होती हैं.
3 साल में चाइल्ड न्यूरोलॉजी हॉस्पिटल का संचालन शुरू कर दिया जाएगा डॉ. राहुल ने बताया कि राजधानी में बहुत जल्द ही चाइल्ड न्यूरोलॉजी हॉस्पिटल खुल जाएगा. जहां ऑटिज्म पीड़ित बच्चों के साथ ही अन्य न्यूरो डिसऑर्डर से ग्रसित मरीजों का इलाज किया जाएगा. इसके लिए नवा फाउंडेशन ने गोमती नगर में जमीन उपलब्ध करा दी है और करीब 3 साल में इस अस्पताल का संचालन शुरू कर दिया जाएगा.
डॉ. राहुल ने बताया कि भारत में न्यूरो डिसऑर्डर की अन्य बीमारियों का समुचित इलाज नहीं हो रहा है. इलाज की पद्धत्ति भी बदलने की जरूरत है. उन्होंने बताया कि गोमती नगर स्थित एसोसिएशन ऑफ चाइल्ड ब्रेन रिसर्च सेंटर पर अब तक करीब 11 सौ बच्चों का पंजीयन किया गया है. इसमें उत्तर प्रदेश के सर्वाधिक बच्चे हैं.