लखनऊ:राजधानी के महापौर संयुक्ता भाटिया ने बुधवार को शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) अलीगंज में बच्चों को विटामिन 'ए' की खुराक पिलाकर बाल स्वास्थ्य पोषण माह (बीएसपीएम) का शुभारंभ किया. इस मौके पर महापौर ने कहा कि विटामिन 'ए' की खुराक बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के साथ ही कुपोषण से भी बच्चों की रक्षा करती है. विटामिन 'ए' की कमी से बच्चों में बीमारी एवं मृत्यु दर की सम्भावना बढ़ जाती है. इसलिए नौ माह से पांच साल तक के बच्चों को विटामिन 'ए' की खुराक जरूर पिलानी चाहिए. इस दौरान उन्होंने कहा कि 18 से 44 आयु वर्ग तथा 45 से साल से अधिक आयु के लोग तथा गर्भवती महिलाएं कोविड का टीकाकरण अवश्य कराएं, क्योंकि कोरोना को हराने का एकमात्र उपाय कोविड टीकाकरण ही है. कोविड का टीका पूरी तरह सुरक्षित है.
5.91 लाख बच्चों को विटामिन 'ए' की खुराक पिलाने का लक्ष्य
जिला प्रतिक्षण अधिकारी डॉ एमके सिंह ने बताया कि बीएसपीएम के दौरान करीब 5.91 लाख बच्चों को विटामिन ए की खुराक पिलाने का लक्ष्य है. इस दौरान एक से 5 वर्ष के बच्चों को विटामिन 'ए' की खुराक दी जाएगी. नियमित टीकाकरण के दौरान लक्षित बच्चों का टीकाकरण एवं 9 से 12 माह के लक्षित बच्चों को मीजल्स रूबेला के टीके के साथ विटामिन 'ए' की पहली खुराक दी जाएगी. इस दौरान बच्चों का वजन भी लिया जायेगा और अति कुपोषित बच्चों का संदर्भन किया जायेगा. इसके साथ ही छह माह तक स्तनपान एवं छह माह के बाद पूरक आहार को एवं आयोडीनयुक्त नमक के प्रयोग को बढ़ावा दिया जायेगा.
इस दौरान अपर निदेशक स्वास्थ्य डॉ (मेजर) जीएस बाजपेयी ने कहा कि साल में दो बार बीएसपीएम को आयोजित करने का उद्देश्य है कि नियमित टीकाकरण के दौरान लक्षित बच्चों को विटामिन 'ए' की खुराक भी देना. साथ ही बच्चों को रतौंधी एवं कुपोषण से बचाना, उनकी प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि करना, पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों में मृत्यु दर में कमी लाना और लोगों में यह सन्देश पहुंचाना कि आयोडीन युक्त नमक का ही प्रयोग करें.
इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनोज अग्रवाल ने बताया कि बीएसपीएम के दौरान कोविड से बचाव के सभी प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा. हर सत्र पर एएनएम के पास सैनिटाइजर रखना आवश्यक होगा. बच्चों को दी जाने वाली विटामिन 'ए' की मात्रा का निर्धारण विटामिन ए की दवा के साथ मिलने वाले चम्मच से होगा. जिसमें 1 मिली व 2 मिली का निशान बना होगा. एक बोतल खत्म होने के बाद ही दूसरी बोतल खोली जाएगी और बोतल खोलने के बाद उस पर तारीख़ जरूर लिखना है. हर बच्चे के लिए अलग चम्मच का उपयोग किया जाएगा.