लखनऊ: मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी की अध्यक्षता में आंगनबाड़ी केंद्रों एवं किशोरी बालिकाओं के लिए योजना से संबंधित ए.पी.आई.पी के अनुमोदन के लिए स्टेट इम्पाॅवर्ड कमेटी की बैठक हुई. बैठक में मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने कहा कि सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में पेयजल एवं टाॅयलेट की व्यवस्था अनिवार्य रूप से होनी चाहिए.
आंगनबाड़ी केंद्रों पर सभी व्यवस्थाएं की जाएं
मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने कहा कि जो आंगनबाड़ी केंद्र किराये के भवनों में चल रहे हैं, उन सभी का निरीक्षण करा लिया जाए और सभी केन्द्रों में स्वच्छ पेयजल एवं टाॅयलेट की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए. उन्होंने कहा कि भारत सरकार के मानक के अनुसार आंगनबाड़ी केन्द्रों में सभी व्यवस्थाएं की जाएं और नियमित रूप से इनका निरीक्षण भी कराया जाए.
किशोरी बालिकाओं के कार्यक्रम के लिए प्रस्ताव हुए प्रस्तुत
इससे पूर्व बैठक में आई.सी.डी.एस. कार्यक्रमों के लिए वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए रुपये 6688.29 करोड़ एवं किशोरी बालिकाओं के कार्यक्रमों के लिए रुपये 59.51 करोड़ के प्रस्ताव प्रस्तुत किए गए.
प्रदेश में 1,88,982 आंगनबाड़ी केन्द्र हैं संचालित
बैठक में बताया गया कि प्रदेश में 1,88,982 आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित हैं. वर्तमान वित्तीय वर्ष में 2,000 नए आंगनबाड़ी केन्द्रों के भवन का निर्माण, 10,000 आंगनबाड़ी केन्द्रों का अनुरक्षण और 5,000 आंगनबाड़ी केन्द्रों को अपग्रेड करने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया. इसके अलावा आंगनबाड़ी केन्द्रों में 4,000 टाॅयलेट एवं 250 केन्द्रों में स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है. इसके अलावा 67,000 आंगनबाड़ी केन्द्रों में उपकरण एवं फर्नीचर और 8,916 मिनी आंगनबाड़ी केन्द्रों में फर्नीचर एवं इक्विपमेन्ट के लिए धनराशि प्रस्तावित की गई है. सप्लीमेन्ट्री न्यूट्रीशन प्रोग्राम के लिए 4093.58 करोड़ रुपये प्रस्तावित किए गए हैं. प्री-स्कूल एजुकेशन किट एवं तद्विषयक प्रशिक्षण के लिए 94.89 करोड़ रुपये प्रस्तावित हैं. मेडिकल किट के लिए 26.80 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया गया है, जो कि आंगनबाड़ी केन्द्रों को उपलब्ध कराया जाएगा.
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11-14 आयु वर्ग की किशोरी बालिकाओं की कार्ययोजना
11-14 आयु वर्ग की किशोरी बालिकाओं की योजना एस.ए.जी. में न्यूट्रीशनल कम्पोनेन्ट के लिए रुपये 58.43 करोड़ और नाॅन-न्यूट्रीशनल कम्पोनेन्ट के लिए 01.08 करोड़ रुपये प्रस्तावित किये गये हैं. बैठक में यह भी बताया गया कि 19 प्रतिशत आंगनबाड़ी केन्द्र स्वयं के भवन में, 58 प्रतिशत प्राइमरी स्कूलों में, 15 प्रतिशत अन्य सरकारी एवं कम्युनिटी परिसरों में और 8 प्रतिशत किराये के भवनों में संचालित हैं. बैठक में स्टेट इम्पाॅवर्ड कमेटी के सदस्य, सम्बन्धित वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारीगण, विभागीय अधिकारीगण आदि उपस्थित थे.