लखनऊ: प्रदेश के मुख्य सचिव श्रीदुर्गा शंकर मिश्र ने कहा कि अयोध्या को विश्व की आध्यात्मिक राजधानी के साथ स्वच्छ, प्रदूषण मुक्त, वॉटर सेक्योर, वॉटर प्लस, सोलर और सुरक्षित सिटी के रूप में विकसित करना है. नई अयोध्या का निर्माण व पुरानी अयोध्या का कायाकल्प कर रामायणकालीन पर्यावरण के अनुकूल ऐसा शहर बनाना है जो विश्व के लिए मॉडल बने.
मुख्य सचिव ने यह बातें बुद्धवार को अयोध्या विजन 2047 की समीक्षा बैठक में अधिकारियों से कहीं. उन्होंने कहा कि पानी की हर एक बूंद को बचाना प्राथमिकता है. भविष्य को ध्यान में रखते हुए ऐसी कार्ययोजना बनायी जाए जिससे कि पानी की एक-एक बूंद का उपयोग हो सके. एक बूंद भी व्यर्थ न जाए. अमृत योजना के लक्ष्य के अनुरूप अयोध्या ऐसी मॉडर्न सिटी के रूप में विकसित हो जहां पर वर्षा के जल का संरक्षण हो और सीवेज जल के पुनर्चक्रण की व्यवस्था हो. हर घर नल योजना (Har Ghar Nal Yojana) के तहत सभी घरों में 24×7 नल से शुद्ध पीने के पानी की व्यवस्था हो. अयोध्या की पहचान वॉटर सेक्योर सिटी के रूप में बने.
उन्होंने कहा कि अगले पांच सालों में अयोध्या को वॉटर सेक्योर सिटी के साथ भारत का सबसे स्वच्छ शहर बनाना है. इसके लिए स्वच्छता, शुद्ध पेयजल व कूड़ा निस्तारण के लिये अन्य विकसित शहरों के मॉडल का अध्ययन कर प्रभावी प्लान तैयार किया जाए. उन्होंने कहा कि भविष्य में पर्यटकों की सुविधा को देखते हुए जल, भूमि के साथ, वायु प्रदूषण को दूर करने के लिए ट्रांसपोर्ट व्यवस्था में व्यापक सुधार की जरूरत है. पब्लिक ट्रांसपोर्ट, शेयर ट्रांसपोर्ट समेत प्रदूषण रहित इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रयोग को बढ़ावा दिया जाए जिसके लिए बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएं. उनके अनुरूप रोड का निर्माण भी हो.