लखनऊ:प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत शिनिवार को राज्य स्तरीय समिति की बैठक की गई. बैठक की अध्यक्षता प्रदेश के मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी की ने की. इस दौरान नवीन परियोजनाओं के प्रस्ताव, पूर्व स्वीकृत परियोजनाओं में स्थल परिर्वतन के प्रस्ताव, निर्माणाधीन परियोजनाओं की प्रगति आदि के संबंध में चर्चा की गई. बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने जन विकास कार्यक्रमों के प्रस्ताव को लेकर कई दिशा-निर्देश दिए.
मुख्य सचिव ने की राज्य स्तरीय समिति की बैठक, विकास कार्यों की हुई समीक्षा - मुख्य सचिव ने की राज्य स्तरीय मीटिंग
शनिवार को राजधानी में प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत राज्य स्तरीय बैठक की गई. बैठक के दौरान प्रदेश भर में हो रहे विकास कार्यों के संबंध में विस्तार से चर्चा की गई.
इस दौरान मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत जितनें भी प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं. उन सभी पर सम्बन्धित प्रशासकीय विभागों की सहमति अवश्य प्राप्त कर ली जाए. जो परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं व आरंभ नहीं हुई हैं उनसे सम्बन्धित प्रशासकीय विभाग उसकी समीक्षा कर लें. यदि इन योजनाओं में अनावश्यक विलंब हुआ हो तो इसके लिए संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए. प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत ऐसे प्रस्ताव लिए जाएं, जिनमें सृजित परिसम्पत्तियों के रख-रखाव व संचालन के लिए प्रशासकीय विभागों की स्पष्ट सहमति हो. इसके अलावा मुख्य सचिव ने संबंधित विभागों से समय से धनराशि के उपभोग प्रमाण-पत्र उपलब्ध कराने को कहा.
अब तक कितनी परियोजनाएं हैं हो चुकी हैं पूरी ?
बैठक का संचालन कर रहे प्रमुख सचिव समाज कल्याण बी.एल.मीणा ने बताया कि प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत अब तक कुल 1,10,929 परियोजनाएं पूर्ण की जा चुकी हैं. कार्यक्रम के अन्तर्गत जनपद फिरोजाबाद, मीरजापुर, कासगंज, भदोही, अलीगढ़, सुल्तानपुर, हरदोई, देवरिया, प्रतापगढ़, बदायूं, लखनऊ, आगरा, बुलंदशहर, सिद्धार्थनगर, पीलीभीत आदि जनपदों में नये क्लस्टरों का चयन किया गया है.
अल्पसंख्यक बाहुल्य जनपद एवं ब्लॉक की प्रस्तावित परियोजनाएं
प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत जारी गाइडलाइन मुख्य सचिव ने नई गाइडलाइन जारी की. उन्होंने बताया कि ऊर्जा विभाग से अंडरग्राउण्ड केबलिंग एवं ट्रांसफार्मर स्थापना के 5,191 यूनिट लागत 93,058.34 लाख रुपये, सोलर स्ट्रीट लाइट व हाईमास्ट लाइट की स्थापना यूनिट 2,055 लागत 770.22 लाख रुपये, स्मार्ट क्लास सुविधाओं की स्थापना यूनिट 3062 लागत 7703.48 लाख रुपये, विद्यालयों में अतिरिक्त कक्ष निर्माण यूनिट 844 लागत 15105.79 लाख रुपये, विद्यालयों में बाउण्ड्रीवाॅल का निर्माण यूनिट 356 लागत 5,149.42 लाख रुपये, विद्यालयों में फर्नीचर की स्थापना यूनिट 21,463 लागत 4,466.17 लाख रुपये, विद्यालयों में शाौचालय ब्लाॅक की स्थापन यूनिट 70 लागत 1,420.18 लाख रुपये आदि सम्मिलित हैं. इसके अतिरिक्त पूर्व में अनुमोदित क्लस्टरों में सोलर स्ट्रीट लाइट आदि 250 यूनिट लागत 89.69 लाख रुपये तथा विद्यालयों में स्मार्ट क्लास सुविधाओं की स्थापना यूनिट 509 लागत 21.39 लाख रुपये की परियोजनाएं भी प्रस्तावित की गयी हैं. बैठक में विभिन्न विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव एवं अन्य वरिष्ठ प्रशासनिक व विभागीय अधिकारी वीडियो वीडियो कांफ्रेंस के जरिए मौजूद रहे.