लखनऊ:उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने रविवार को अनलॉक व्यवस्था की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने अफसरों को निर्देश दिए कि कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के लिए आम जनता को और अधिक जागरूक किया जाए. इसके साथ ही अफसरों को यह निर्देश भी दिए कि मजिस्ट्रेट एवं पुलिस के वाहनों द्वारा व्यस्त चौराहों और बाजारों में पेट्रोलिंग की जाए. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क के प्रयोग का अनुपालन कड़ाई से सुनिश्चित कराया जाए. मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने बताया कि इस वायरस से बचाव के लिए विभिन्न प्रचार माध्यमों से लोगों को जागरूक करने के निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं.
मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने की अनलॉक की समीक्षा
रविवार को मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने अपने कार्यालय में कोरोना और अनलॉक-1 को लेकर समीक्षा बैठक की. इस दौरान कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए उन्होंने अधिकारियों को तमाम दिशा-निर्देश भी दिए. इस दौरान उन्होंने कहा कि कोरोनावायरस से बचाव के लिए नागरिकों को जागरूक करने में स्वयंसेवी संस्थाओं और व्यापार मंडलों का भी सहयोग लिया जाए. इसके साथ ही पब्लिक ऐड्रेस सिस्टम के माध्यम से लोगों को इसके प्रति जागरूक किया जाए.
मेरठ मंडल में होगी डोर-टू-डोर मेडिकल स्क्रीनिंग
बैठक में मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने मेरठ मंडल में आगामी जुलाई के प्रथम सप्ताह में एक विशेष कार्यक्रम के तहत डोर-टू-डोर मेडिकल स्क्रीनिंग की जानी है. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग शत-प्रतिशत घरों की स्क्रीनिंग का कार्य निर्धारित समय में पूरा कराने के लिए आवश्यक रणनीति समय से तैयार कर ले. कोरोना को देखते हुए जिलों में रैपिड रिस्पांस टीम और एंबुलेंस को तैयार रखा जाए, जिससे सूचना प्राप्त होते ही उचित कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके.
मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने दिए निर्देश
मेडिकल स्क्रीनिंग के समय पल्स पोलियो अभियान की भांति घरों की मार्किंग भी की जाए. उन्होंने कहा कि लोगों का मेडिकल पल्स, ऑक्सीमीटर और रैपिड टेस्ट भी कराया जाए. संक्रमित होने की दशा में व्यक्ति को तत्काल कोविड अस्पताल में भर्ती कराया जाए.
'कंटेनमेंट जोन में रोका जाए आवागमन'
मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने निर्देश देते हुए कहा कि कंटेनमेंट जोन में सख्ती बरतते हुए आवागमन को रोका जाए. केवल आवश्यक सेवाओं एवं चिकित्सा सुविधा के लिए ही टीमों को आने-जाने दिया जाए. सर्विलांस टीम के दिन-प्रतिदिन की प्रगति की पोर्टल के माध्यम से नियमित मॉनिटरिंग की व्यवस्था भी की जाए. इस दौरान उन्होंने प्रदेश में 20 हजार टेस्टिंग क्षमता को 30 जून तक 25 हजार करने के प्रयास सुनिश्चित किए जाने के भी निर्देश दिए हैं.