लखनऊ: प्रदेश के मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी की अध्यक्षता में पशुओं में ऑक्सीटोसिन के प्रयोग पर बैठक की. बैठक में मुख्य सचिव ने कहा कि ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन शेड्यूल एच-1 की श्रेणी में आता है. पशुओं में दूध उतारने के लिए ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन (Oxytocin injection) का दुरुपयोग पशुओं के प्रति क्रूरता निवारण अधिनियम-1960 के अधीन दण्डनीय अपराध है. उन्होंने निर्देश दिए कि ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन की बिक्री पंजीकृत पशुचिकित्सक के प्रिसक्रिप्शन पर ही पंजीकृत मेडिकल स्टोर के माध्यम से की जाए. साथ ही औषधि की बिक्री से सम्बन्धित पर्याप्त अभिलेखीकरण प्रत्येक स्तर पर अनिवार्य रूप से सुनिश्चित किया जाए.
ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन का अनुचित प्रयोग रोकें अधिकारी
उन्होंने निर्देश दिए कि ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन का अनुचित प्रयोग रोकने के लिए आवश्यकतानुसार पुलिस और प्रशासन की सहायता से चेकिंग की कार्रवाई की जाए. इसके अलावा ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन के दुरुपयोग को रोकने के लिए समय-समय पर आयोजित होने वाले पशु मेले और प्रदर्शनियों, पशुहाटों, पशुपालन एवं पशुचिकित्सा शिविरों, पशुपालन गोष्ठियों एवं पशुबांझपन निवारण शिविरों में इंजेक्शन के दुष्प्रभावों के बारे में पशुपालकों के साथ चर्चा की जाए.
की जाए सख्त कार्रवाई
मुख्य सचिव ने कहा कि ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन की नियम विरुद्ध बिक्री, भण्डारण और अनुचित प्रयोग पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाए. ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन के दुरुपयोग की शिकायत दर्ज कराने तथा फोटोग्राफ्स और वीडियो भेजने के लिए टोल फ्री और व्हाट्सएप नम्बर जारी किए जाएं. इसकी नियमित जांच खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की ओर से कराया जाए.