लखनऊ:उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने राजधानी स्थित लोकभवन में विभागीय अफसरों के साथ बैठक की. इस दौरान उन्होंने प्रदेश में जैविक खेती का दायरा बढ़ाने पर जोर दिए जाने की बात कही. इसके साथ ही उन्होंने अफसरों को निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में जैविक खेती का दायरा बढ़ाने के लिए कार्ययोजना तैयार की जाए. इसमें प्रत्येक जनपद में 200 एकड़ क्षेत्रफल चिह्नित किया जाए. मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने गंगा नदी के किनारे भी जैविक नर्सरी लगाए जाने के प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया है.
जिलाधिकारियों को भेजा निर्देश
मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने इस संबंध में प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को भी निर्देश भेजा है. इसमें उन्होंने कहा है कि प्रदेश में ही टिशु कल्चर लैब में विभिन्न प्रजातियों के ज्यादा से ज्यादा गुणवत्ता वाले पौधे तैयार करने के लिए एक सुविचारित प्रस्ताव तैयार कर शीघ्र शासन को प्रस्तुत किया जाए.
नर्सरी को एनएचबी से जोड़ने की कवायद
लोक भवन स्थित कार्यालय में विभागीय अफसरों के साथ बैठक के दौरान मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने कहा कि उद्यान विभाग द्वारा नर्सरी का सुदृढ़ीकरण करने के साथ-साथ नर्सरी में राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के मानकों के अनुसार अवस्थापना सुविधाएं विकसित की जाए. इसके साथ ही नर्सरी को एनएचबी से जोड़ा जाए. उन्होंने अफसरों से कहा कि सभी लोग गत बैठकों में दिए गए निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करते हुए अनुपालन आख्या उपलब्ध कराएं. साथ ही समिति द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन 15 दिन के अंदर ही सुनिश्चित करने के प्रयास किए जाएं, किसी भी दशा में एक माह से अधिक का समय न लिया जाए.
जैविक खेती के विस्तार के लिए 182 करोड़ रुपये का अनुमोदन
इसके साथ ही मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने प्रदेश के 100 विकास खंडों में 80 करोड़ की लागत से 100 किसान केंद्रों के निर्माण के प्रस्ताव को अनुमोदन भी देने की बात कही. उन्होंने बताया कि बुंदेलखंड क्षेत्र के 7 जिलों में 2,000 लघु तालाब और 500 मध्यम तालाबों के लिए 17 करोड़ रुपये की धनराशि अनुमोदित की गई है. इसके तहत तालाबों की खुदाई के लिए किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा. पूर्वी उत्तर प्रदेश के 16 जिलों में हरित क्रांति के विस्तार की योजना के लिए 70 करोड़ रुपये का अनुमोदन किया गया है. इसी प्रकार पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 11 जिलों में फसल विविधीकरण कार्यक्रम के लिए 42 करोड़ रुपये, नमामि गंगे योजना के अंतर्गत 35,780 हेक्टेयर क्षेत्रफल में जैविक खेती के विस्तार के लिए 182 करोड़ रुपये 3 वर्ष के लिए और वर्ष 2020-21 के लिए 60 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को अनुमोदित किया गया है.