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कानपुर बाल संरक्षण गृह मामले को लेकर मुख्य सचिव ने दिए सख्त निर्देश - up government

उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में बाल संरक्षण गृह में 50 से ज्यादा लड़कियां संक्रमित पाई गईं, जिसमें सात लड़कियां गर्भवती भी थीं. मामला सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने सभी डीएम और कमिश्नर को ऐसे संस्थानों में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं.

लखनऊ
बाल संरक्षण गृह मामले को लेकर दिए सख्त निर्देश

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Published : Jun 22, 2020, 4:17 PM IST

Updated : Jun 22, 2020, 5:31 PM IST

लखनऊ: कानपुर के बाल संरक्षण गृह में 57 महिला एवं बाल संवासिनी कोरोना पॉजिटिव पाए जाने और सात के गर्भवती होने का मामला सुखियों में आने के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए दिशा-निर्देश जारी किए हैं. उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने सभी जिलाधिकारी व मंडलायुक्त को निर्देश दिए हैं कि सामाजिक संस्थाओं जैसे- महिला संरक्षण गृह, नारी निकेतन, अनाथालय एवं बाल सुधार गृह में कोविड-19 की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए विशेष सतर्कता और सावधानी बरती जाए. इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने कहा कि सभी प्रकार के सामाजिक संस्थानों में प्रवेश से पहले प्रत्येक स्टाफ व व्यक्ति की प्रवेश द्वार पर थर्मल स्क्रीनिंग करने के लिए इंफ्रारेड थर्मोमीटर उपलब्ध कराए जाएं. साथ ही संस्थान के प्रवेश द्वार पर सैनिटाइजर की भी व्यवस्था की जाए. संस्थान में सर्दी-जुकाम, बुखार से पीड़ित किसी भी व्यक्ति व महिला को प्रवेश न दिया जाए. उन्होंने कहा कि संस्थान के किसी भी व्यक्ति में कोविड-19 के सामान्य लक्षण प्रकट होने पर तत्काल उसे अलग करने के बाद इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग के टोल फ्री नंबर- 18001805145 पर उपलब्ध कराई जाए.

मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने यह निर्देश सभी संस्थाओं में कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराने के लिए समाज कल्याण तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव को पत्र के माध्यम से भी दिए हैं. उन्होंने कहा कि इन संस्थाओं के केयरटेकर संस्था में ही निवास करें और कोविड-19 से बचाव के लिए अपनाई जाने वाली सावधानियों को प्रभावी रूप से क्रियान्वित कराया जाए. संस्था के प्रत्येक कमरे में साबुन की व्यवस्था की जाए और वहां रहने वाले लोगों को कम से कम 30 सेकेंड तक हाथों को अच्छी तरह से धोने के लिए एक बार फिर से जागरूक किया जाए. अंतर्वासियों को उनके कपड़ों को नियमित रूप से धोने के लिए डिटर्जेंट पाउडर व साबुन उपलब्ध कराया जाए. संस्था के प्रत्येक शौचालय की कम से कम 2 बार सफाई तथा शौचालयों में साबुन, लिक्विड हैंड वॉश की भी व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए.

मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने कहा है कि ऐसी सामाजिक संस्थाओं में कोविड-19 संक्रमण के प्रसार को रोकने को लेकर प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. संस्थाओं में कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए यहां रहने वाले लोगों को मास्क, दुपट्टा, गमछा अथवा रूमाल आदि का प्रयोग अनिवार्य रूप से करने के लिए कहा जाए. इसके साथ ही संस्थाओं के व्यवस्थापक की ओर से यह भी सुनिश्चित किया जाए कि वहां रहने वाले 2 लोगों के मध्य कम से कम 2 गज की दूरी बनी रहे. संस्थाओं में मुलाकात के लिए पहुंचने वालो की संख्या को यथासंभव सीमित किया जाए. यदि बहुत आवश्यक हो तो ही सभी सावधानियों का पालन कराने के साथ मुलाकात कराई जाए. इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

Last Updated : Jun 22, 2020, 5:31 PM IST

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