लखनऊ: प्रदेश के मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी की अध्यक्षता में मंगलवार को सांसद आदर्श ग्राम योजना के लिए गठित अधिकार प्राप्त समिति की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई. इस दौरान मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने कहा कि सांसद आदर्श ग्राम योजना के दोनों चरणों के बचे हुए कार्यों को पूरा कराकर जनपद स्तर से अपलोड यथाशीघ्र कराया जाए. चयनित सांसद ग्राम में विभागीय योजनाओं, कार्यक्रमों को कन्वर्जेन्स द्वारा सैचुरेशन मोड में लागू कराया जाए.
चयनित ग्राम के विलेज डेवलपमेन्ट प्लान (वीडीपी) में विभागीय गतिविधियों को चार्ज अधिकारी के सहयोग से स्थानीय आवश्यकतानुसार शामिल किया जाए. केन्द्र प्रायोजित योजनाओं के साथ-साथ राज्य प्रायोजित योजनाओं, कार्यक्रमों में सांसद ग्राम योजना के अन्तर्गत चयनित ग्राम पंचायतों के लिए प्राथमिकता प्रदान की जाए. चयनित सांसद ग्राम में विभागीय योजनाओं, कार्यक्रमों की सफलता की कहानी को पोर्टल पर जनपद स्तर से अपलोड कराया जाए. इसके अतिरिक्त विभागीय समीक्षा बैठकों में एसएजीवाई के बिंदु को एजेंडा के रूप में सम्मिलित कर समीक्षा की जाए.
इससे पूर्व बैठक में बताया गया कि सांसद आदर्श ग्राम योजना (एसएजीवाई) का उद्देश्य सांसदों द्वारा चयनित ग्राम पंचायतों की आबादी के सभी वर्गों के जीवन-स्तर और जीवन गुणवत्ता में सुधार लाकर एक वर्ष की अवधि में निर्धारित सेक्टर्स के विभिन्न क्रियाकलापों द्वारा आदर्श ग्राम के रूप में विकसित किया जाना है. अब तक योजना के 02 फेज हैं. प्रथम फेज (2014-19) में प्रत्येक मा. सांसदगण द्वारा चयनित 03 ग्रामों को आदर्श ग्राम बनाना था. प्रथम फेज के प्रथम, द्वितीय व तृतीय चरण में कुल 273 ग्रामों का चयन किया गया था, जिनमें कुल 6563 कार्य कराए जाने थे, जिसके लगभग सभी कार्य पूर्ण हो चुके हैं.