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चीफ सेक्रेटरी ने दिए निर्देश, 15 जनवरी तक 15-18 वर्ष तक के किशोरों को लग जाए पहली वैक्सीन..

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Published : Jan 10, 2022, 9:49 PM IST

मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से जिलों के नोडल अधिकारियों के साथ बैठक कर कोविड से बचाव की तैयारियों को लेकर कई निर्देश दिए. उन्होंने निर्देश दिए कि 15 जनवरी तक 15-18 वर्ष तक के किशोरों को वैक्सीन की पहली डोज लग जाए.

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चीफ सेक्रेटरी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से नोडल अफसरों के साथ की बैठक.

लखनऊः मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से जिलों के नोडल अधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि सभी नोडल अधिकारी अपने आवंटित जनपदों में 16 जनवरी तक तीन दिनों का जनपद भ्रमण कर कोविड-19 एवं संचारी रोग नियंत्रण एवं बचाव आदि की व्यवस्थाओं की समीक्षा करके 17 जनवरी तक रिपोर्ट पेश करें. उन्होंने निर्देश दिए कि 15 जनवरी तक 15-18 वर्ष तक के किशोरों को वैक्सीन की पहली डोज लग जाए.

उन्होंने कहा कि सभी नोडल अधिकारी भ्रमण के पश्चात आगे भी प्रतिदिन नियमित रूप से दूरभाष पर जिलाधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी से समन्वय स्थापित कर दैनिक आख्या कार्यक्रम कार्यान्वयन विभाग तथा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को प्रेषित करेंगे.


उन्होंने कहा कि नोडल अधिकारी सभी 18 वर्ष से अधिक आयु के पात्र व्यक्तियों को शत-प्रतिशत प्रथम डोज एवं 75 प्रतिशत व्यक्तियों को द्वितीय डोज 20 जनवरी तक लग जाए. इसके साथ ही 15 जनवरी तक 15-18 आयु वर्ग के किशोरों को शत-प्रतिशत टीके की प्रथम डोज दी जाए. निगरानी समितियां एवं इन्टीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर सक्रिय रहें.

उन्होंने कहा कि नोडल अधिकारी यह भी चेक करें कि निगरानी समितियों द्वारा बिना टीकाकरण व्यक्तियों की सूची जिला प्रशासन को उपलब्ध कराई जा रही है अथवा नहीं. होम आइसोलेशन में गये लोगों के साथ चिकित्सकों का संवाद तथा निगरानी समितियों का सक्रिय योगदान रहे. कोरोना लक्षणयुक्त व्यक्तियों के होम आइसोलेशन में इलाज एवं उनकी निरन्तर माॅनिटरिंग, प्रत्येक कोविड पाॅजिटिव व्यक्तियों को मेडिसिन किट उपलब्ध कराई जाएं और समीक्षा की जाए.

जनपदीय आईसीसीसी में चिकित्सकों का पैनल तैनात करते हुए व्यक्तियों को टेलीकन्सल्टेशन की सुविधा दी जाए. टेलीकन्सल्टेशन के लिए पृथक-पृथक नंबर जारी करने की स्थिति तथा अस्पतालों में आवश्यक इन्फ्रास्ट्रक्चर यथा आक्सीजन प्लान्ट, क्रियाशील आक्सीजन कन्सन्ट्रेटर, वैन्टीलेटर, आईसीयू बेड, आइसोलेशन बेड, एंबुलेंस, दवाओं आदि की उपलब्धता की भी नोडल अधिकारी समीक्षा करें.

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उन्होंने कहा कि कोविड से मृत्यु की स्थिति में प्रत्येक व्यक्ति का डेथ आडिट अवश्य कराया जाए. यह भी सुनिश्चित कराया जाए कि कोविड पाॅजिटिव व्यक्तियों का सक्रियता से समय से इलाज हो. आरटीपीसीआर, ट्रूनेट एवं एन्टीजन टेस्ट बढ़ाया जाए. मास्क का प्रयोग, सोशल डिस्टेंसिंग, सेनेटाइजेशन इत्यादि कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर के अनुपालन की स्थिति, को-माॅर्बिड मरीजों, बुजुर्गों एवं बच्चों का संक्रमण से बचने पर विशेष ध्यान, संक्रमण होने की स्थिति में उनके इलाज के प्रक्रिया की सतत् माॅनिटरिंग एवं तत्काल मेडिसिन किट की उपलब्धता को चेक किया जाए.

सर्दी के मद्देनजर रैन बसेरों में शीतलहर से बचाव के इंतजाम किए जाए. राशन कार्ड रहित व्यक्तियों, परिवार को दोनों समय फूड पैकेट उपलब्ध कराये जाने की व्यवस्था की जाए. बैठक में अपर मुख्य सचिव कार्यक्रम क्रियान्वयन सुरेश चन्द्रा तथा वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से समस्त जनपदीय नोडल अधिकारी उपस्थित थे.

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