लखनऊ : दिसंबर महीने में उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र (Chief Secretary Durga Shankar Mishra) का केंद्र सरकार द्वारा दिया गया एक साल का सेवा विस्तार समाप्त हो रहा है. ऐसे में अब उत्तर प्रदेश का नया चीफ सेक्रेटरी कौन होगा, इसको लेकर ब्यूरोक्रेसी में तमाम तरह की चर्चाएं हो रही हैं. चीफ सेक्रेटरी की कुर्सी पर बैठने के लिए तमाम वरिष्ठ नौकरशाह अपने-अपने समीकरण दुरुस्त करने में जुटे हुए हैं. आधा दर्जन से अधिक आईएएस अधिकारी प्रयास कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव के पद पर विराजमान होने के लिए वर्तमान मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र अपने सेवा विस्तार को बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं. पिछली बार जब उनका रिटायरमेंट होने वाला था और उससे ठीक एक दिन पहले केंद्र सरकार ने उन्हें उत्तर प्रदेश का मुख्य सचिव नियुक्त किया था. यह जब फैसला हुआ तो उत्तर प्रदेश अफसरों के बीच काफी चौंकाने वाला निर्णय रहा. किसी को भनक तक नहीं लगी कि दुर्गाशंकर में उत्तर प्रदेश के चीफ चीफ सेक्रेटरी बनाए जाएंगे. अब जब उनका एक वर्ष का सेवा विस्तार समाप्त हो रहा है, ऐसे में कुछ लोग उनके सेवा विस्तार को एक साल और बढ़ाए जाने की बात कर रहे हैं.
वहीं दूसरी तरफ 1987 से लेकर 1988 बैच के आधा दर्जन से अधिक नौकरशाह प्रशासनिक सेवा की सबसे बड़ी कुर्सी यानी चीफ़ सेक्रेटरी की कुर्सी पर बैठने को लेकर अपने समीकरण दुरुस्त कर रहे हैं. कुछ लोग राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से लेकर बीजेपी के केंद्र के वरिष्ठ नेताओं के संपर्क में हैं और जिससे चीफ सेक्रेटरी बनने में कामयाबी हासिल कर सकें.
जानकारी देते राजनीतिक विश्लेषक वरिष्ठ पत्रकार मनमोहन उत्तर प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी की कुर्सी पर बैठने के लिए जो प्रमुख अधिकारी प्रयास कर रहे हैं और वरिष्ठता के क्रम में सीनियर हैं उनमें मुख्य रूप से 1987 बैच के अफसरों में अरुण सिंघल जो कि वर्तमान में केंद्र सरकार में सचिव के पद पर तैनात हैं. महेश कुमार गुप्ता का भी नाम चर्चा में है. वह पिछले दिनों राजभवन से मुख्य भूमिका में वापस आए हैं. योगी सरकार ने उन्हें अपर मुख्य सचिव ऊर्जा जैसे महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी भी दी है, हालांकि उनकी छवि को लेकर तमाम तरह के सवाल उठते रहे हैं. उनके खिलाफ कुछ मामले भी लंबित बताए जा रहे हैं. इसके अलावा वर्तमान में उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद के चेयरमैन संजीव कुमार मित्तल का भी नाम चर्चा में है. संजीव कुमार मित्तल भी 1987 बैच के सीनियर आईएएस अधिकारी हैं. इसी प्रकार 1987 बैच के अधिकारी हेमंत राव, सुनील कुमार जैसे अफसर भी शामिल हैं, जो चीफ सेक्रेटरी की कुर्सी पर बैठने की इच्छा रखते हैं.
1988 बैच के आईएएस अफसरों की बात करें तो आलोक कुमार, डॉ नवनीत सहगल जैसे नाम शामिल हैं. सहगल को कुछ समय पहले अपर मुख्य सचिव सूचना व एमएसएमई जैसे विभागों से हटाकर खेल विभाग भेजा गया था. इसके अलावा खास बात यह है कि उत्तर प्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त 1988 बैच के आईएएस अधिकारी मनोज कुमार सिंह का भी नाम चर्चा में है. सूत्र बताते हैं कि मनोज कुमार सिंह मुख्य सचिव बनने को लेकर इच्छा रखते हैं और इसको लेकर वह प्रयास भी कर रहे हैं. इसके अलावा 1988 बैच के अधिकारियों की बात करें तो अपर मुख्य सचिव औद्योगिक विकास कुमार अरविंद कुमार, केंद्र सरकार में तैनात राधा एस चौहान भी शामिल हैं. देखना दिलचस्प होगा कि कौन अधिकारी चीफ सेक्रेटरी बनने में सफल हो पाता है या केंद्र सरकार उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र को सेवा विस्तार देती है या नहीं.
राजनीतिक विश्लेषक वरिष्ठ पत्रकार मनमोहन (political analyst senior journalist manmohan) कहते हैं कि मुख्य सचिव के पद पर दुर्गाशंकर मिश्र विराजमान हैं. रिटायरमेंट से एक दिन पहले ही केंद्र सरकार ने उन्हें सेवा विस्तार देते हुए उत्तर प्रदेश का मुख्य सचिव बनाया था. इसके अलावा 1988 से लेकर 1987 बैच के आधा दर्जन से प्रमुख अधिकारी चीफ सेक्रेटरी बनने को लेकर प्रयास कर रहे हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ क्या निर्णय लेते हैं यह अपने आप में महत्वपूर्ण होगा.
यह भी पढ़ें : घास लगाने व उखाड़ने में भी प्रो. पाठक ने किया था खेल, STF को मिलीं अहम जानकारियां