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मुख्य सचिव से ज्यादा होगी 'इन्वेस्ट यूपी' के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर की सैलरी

उत्तर प्रदेश में निवेश आकर्षित करने और परियोजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए उठाए गए अनेक सफल कदमों के बाद राज्य सरकार ने अपनी निवेश प्रोत्साहन एवं सुविधा एजेंसी 'इन्वेस्ट यूपी' को पेशेवर स्वरूप प्रदान करने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी है. उद्यमियों को बेहतर माहौल देने के लिए 44 पेशेवर यानी प्रोफेशनल्स अधिकारियों की नियुक्त करने का फैसला किया गया है.

कॉन्सेप्ट इमेज.
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Published : Dec 6, 2020, 3:11 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार निवेशकों को लुभाने और उन्हें बेहतर माहौल उपलब्ध कराने के लिए 'इन्वेस्ट यूपी' के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर को बड़ा सैलरी पैकेज देकर नियुक्त करने जा रही है. इन्वेस्ट यूपी संस्था में प्रोफेशनल की नियुक्ति करके उद्यमियों को बेहतर माहौल और उनके अनुकूल सेवाओं को बेहतर करने, गुणवत्ता बढ़ाने के उद्देश्य से 44 पेशेवर यानी प्रोफेशनल्स अधिकारियों की नियुक्त करने का फैसला किया गया है. सबसे खास बात यह है कि 'इन्वेस्ट यूपी' के चीफ ऑपरेटिंग ऑफीसर यानी सीओओ का वेतनमान उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव के वेतनमान से दोगुना है.

ये रहेगा पैकेज, ये होंगे पद
इन्वेस्ट यूपी में चीफ ऑपरेटिंग ऑफीसर का वेतन 4 लाख 16 हजार से 5 लाख 40 हजार रुपये प्रतिमाह देने की बात प्रस्ताव में कही गई है. सरकार ने इन्वेस्ट यूपी संस्था में निवेशकों और उद्योगपतियों के लिए सेवाओं को बेहतर और अच्छी गुणवत्ता के साथ देने के लिए इन प्रोफेशनल अधिकारियों की नियुक्ति करने का फैसला किया है.
नियुक्त होने वाले अधिकारियों में मुख्य रूप से चीफ ऑपरेटिंग ऑफीसर, डिवीजन हेड, सीनियर एसोसिएट मैनेजर, सेक्टर क्लस्टर हेड, एसोसिएट और एनालिस्ट के पदों पर नियुक्तियां की जाएंगी.

मुख्य सचिव का ये है वेतनमान
मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्य के सरकारी सिस्टम में मुख्य सचिव सर्वोच्च पद धारक होते हैं. उनका वेतनमान वर्तमान में 2 लाख 25 हजार प्रतिमाह है. शासन के अन्य अधिकारियों का वेतन मुख्य सचिव के बराबर या कम ही होता है. ऐसे में इन्वेस्ट यूपी के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर का वेतनमान मुख्य सचिव के स्तर से दोगुना होने को लेकर निवेशकों को लुभाने और बेहतर माहौल देने के लिए प्रोफेशनल चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर को बड़ा सैलरी पैकेज पर नियुक्त करने की कवायद का हिस्सा है.

सीओओ के बॉस होंगे सीईओ
इसके अलावा यह भी खास बात है कि मुख्य सचिव से दोगुनी सैलरी पाने वाला चीफ ऑपरेटिंग ऑफीसर अपने से कम वेतनमान और कम विशेषज्ञता व दक्षता हासिल करने वाले अफसरों के अधीन काम करेगा. शासन के मुताबिक इन्वेस्ट यूपी में एक ऐसा पूर्णकालिक वरिष्ठ अधिकारी जो सीईओ होगा, जिसके अधीन सीओओ काम करेंगे. इससे सीईओ के रहते हुए सीओओ को काम करने में आवश्यक ऑटोनॉमी बनी रहेगी और विभिन्न सरकारी विभागों से निवेश प्रोत्साहन के लिए आवश्यक समन्वय और संवाद भी निरंतर होता रहे.

सीनियर आईएएस होंगे सीईओ
अब ऐसी स्थिति में राज्य सरकार की तरफ से इन्वेस्ट यूपी का मुख्य कार्यपालक अधिकारी जिस भी अधिकारी को बनाया जाएगा, वह एक सीनियर आईएएस अधिकारी होंगे और उनका वेतनमान मुख्य सचिव से कम ही होगा. ऐसे में स्वाभाविक है कि चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर उनसे सैलरी में अधिक होंगे, लेकिन अनुभव और विशेषज्ञता में उनसे कम ही होंगे.

44 पदों पर नियुक्ति और ये होगा वेतनमान
शासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इन्वेस्ट यूपी के 44 पदों पर होने वाली प्रोफेशनल्स की नियुक्तियों को लेकर नियुक्ति और चयन प्रक्रिया को लेकर अभी स्थिति साफ नहीं है. मुख्यमंत्री की सहमति के बाद इन प्रोफेशनल्स की नियुक्ति करने का रास्ता साफ होगा.

चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर 50 से 65 लाख रुपये वार्षिक, डिवीजन हेड 28 से 35 लाख रुपये वार्षिक, सेक्टर क्लस्टर हेड 23 से 28 लाख रुपये वार्षिक, मैनेजर 18 से 23 लाख रुपये वार्षिक, सीनियर एसोसिएट 9 से 18 लाख रुपये वार्षिक, एसोसिएट 7 से 9 लाख रुपये वार्षिक, एनालिस्ट 5 से 7 लाख रुपये वार्षिक.

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