लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार को विधान परिषद में पहुंचे. मुख्यमंत्री के सदन में आने से पहले समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने वाकआउट किया. अपने भाषण के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले छह साल में मुख्यमंत्री या उप मुख्यमंत्री से कोई मुकदमा वापस नहीं लिया गया. जबकि अखिलेश यादव जब मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने खुद पर दर्ज मुकदमा वापस लिया था. उन्होंने आतंकियों के मुकदमे भी वापस लेने का काम किया था. गौरतलब है कि अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर मुकदमे वापस लेने का आरोप लगाया था.
सदन में वाराणसी में अतिक्रमण विरोधी अभियान को लेकर सपा के सदस्य हंगामा कर रहे थे. मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि '2017 के पहले उत्तर प्रदेश के नौजवानों के सामने पहचान का संकट था. बेटियां सुरक्षित नहीं थीं. माफिया प्रदेश में सक्रिय थे. हर प्रकार के माफिया पनप रहे थे, लेकिन पिछले साढ़े पांच साल में प्रदेश की सूरत बदल चुकी है. आज हर युवा गर्व से कहीं भी कह सकता है कि वह उत्तर प्रदेश का निवासी है.'
उन्होंने कहा कि 'पिछले दिनों प्रदेश में हुए कुछ कार्यक्रमों के माध्यम से यह देखने को मिला. पहले इनवेस्टर्स समिट दिल्ली और मुंबई में होते थे. कहा जाता था कि यूपी में समिट के लिए कौन आएगा, लेकिन आज यह सब संभव है. हम लोगों ने प्रदेश में ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट किया. आज प्रदेश को 35 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं. यह प्रस्ताव पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं हैं. प्रदेश के सभी क्षेत्रों के लिए प्रस्ताव आए हैं. इसके लिए पिछले छह साल में कड़ी मेहनत की गई है. आज हमारे पास बेहतर कानून व्यवस्था है. रेल और एयर कनेक्टिविटी है. आज माफिया से मुक्त करा कर 24 हजार हेक्टेयर भूमि का लैंडबैंक बनाया गया है. हमारे दोनों उप मुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल के सहयोगी दुनिया के कई देशों में कई और विकास के लिए रोड शो किए और निवेश लेकर आए.'
उन्होंने कहा कि 'आज हर जिले में निवेश होने जा रहा है. आज सबसे पिछड़े जिलों में भी निवेश हो रहा है. इन कार्यक्रमों को आगे बढ़ाते हुए जी-20 के भी दो सम्मेलन सफलता पूर्वक यहां हुए. हमने कभी नहीं बोला कि यह अपना है और यह पराया है. भारत में वसुधैव कुटंबकम की परंपरा रही है. हर समस्या के समाधान के दो रास्ते होते हैं. या उसमें भाग ले या भाग लो. वह भाग लिए हैं और हम भाग ले रहे हैं. जब हम लोक कल्याण की बात करते हैं, तब वह जाति की बात कर रहे थे. जब हम बजट पर चर्चा कर रहे थे, तब वह जाति की बात कर रहे थे. एक विद्वान ने कहा है कि समस्या का समाधान इस पर निर्भर करता है कि आपका सलाहकार कौन था. दुर्योधन का सलाहकार शकुनी था और पांडवों के श्रीकृष्ण इसीलिए कौरवों का नाश हो गया. उन्होंने कहा कि "प्रदेश विकास की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है. हमने कोरोना से सफलता पूर्वक लड़ाई लड़ी. आज पाकिस्तान में रोटी के लाले पड़े हुए हैं, तो देश मोदी जी के नेतृत्व में सफलता की नित नई बुलंदियों की ओर बढ़ रहा है. प्रदेश की अर्थव्यवस्था एक ट्रिलियन इकनॉमी की ओर बढ़ रही है. यह बजट जनता को समर्पित है. मुझे बताते हुए प्रसन्नता है. हमारे हर बजट की एक थीम थी. पहला बजट किसानों को समर्पित था. फिर महिलाओं और युवाओं को समर्पित, फिर आत्मनिर्भरता को बढ़ाने वाला. हमने जो कहा वह करके दिखाया है.'