लखनऊ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने गुरूवार को शत्रु संपत्तियों को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक की. शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए उन्होंने शत्रु संपत्ति से अतिक्रमण हटाए जाने को लेकर अभियान चलाए जाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा है कि प्रदेश के विभिन्न जनपदों में स्थित शत्रु संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी आवश्यक है. कई स्थानों पर अतिक्रमण की भी सूचना है. ऐसे में सभी शत्रु संपत्तियों की अद्यतन स्थिति की रिपोर्ट तैयार की जाए. इन्हें अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए गृह विभाग की निगरानी में प्रदेशव्यापी कार्रवाई शुरू की जाए. शत्रु संपत्ति की सुरक्षा, निगरानी व प्रबंधन के लिए प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारी को नोडल अधिकारी के रूप में तैनात किया जाए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि अंतरराज्यीय, अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित गांवों को 'वाइब्रेंट' बनाने के लिए हमें नियोजित प्रयास करने की आवश्यकता है. सीमावर्ती गांवों, जनपदों की सांस्कृतिक, ऐतिहासिक विरासतों की बेहतर ब्रांडिंग करते हुए यहां पर्यटन विकास की संभावनाओं को आकार दिया जाना चाहिए. स्कूली बच्चों, एनसीसी, एनएसएस के कैडेट, स्वयंसेवकों को इन क्षेत्रों का भ्रमण कराया जाना चाहिए. इन क्षेत्रों में निवासरत सेवानिवृत्त सैन्य कर्मियों, अर्धसैनिक बलों के जवानों को 'सरहद के सिपाही' के रूप में पहचान देते हुए यहां की व्यवस्था को सुचारू रखने में आवश्यकतानुसार सहयोग लिया जाना भी उचित होगा. सीमावर्ती जिलों में केंद्र व राज्य सरकार की जनहितकारी योजनाओं का 100 पतिशत संतृप्तिकरण सुनिश्चित कराया जाए.
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा देश में आपराधिक घटनाओं, दुर्घटनाओं की वास्तविक स्थिति प्रदर्शित करने वाला दस्तावेज तैयार किया जाता है. क्रिमिनल प्रोसीजर (आइडेंटिफिकेशन) एक्ट 2022 के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राज्य स्तर पर एक नोडल अधिकारी की तैनाती की जाए. प्रत्येक दशा में यह सुनिश्चित करें कि एनसीआरबी के पास शुद्ध, वास्तविक और समयबद्ध आंकड़ों की उपलब्धता हो. मुख्यमंत्री ने कहा कि साइबर सिक्योरिटी के महत्व को दृष्टिगत रखते हुए पुलिस परिक्षेत्र के बाद अब प्रदेश के हर जिले में एक साइबर क्राइम थाना की स्थापना की आवश्यकता है. यह थाना स्थानीय सुविधानुसार जिलों के रिजर्व पुलिस लाइन में स्थापित किया जा सकता है. राज्य स्तर पर संयुक्त साइबर को-कॉर्डिनेशन टीम गठित की जाए. इस टीम में पुलिस विभाग के अलावा साइबर विशेषज्ञों को भी शामिल किया जाए. विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर प्रस्तुत करें.