लखनऊः मुख्यमंत्री ने कारागार प्रशासन एवं सुधार विभाग की समीक्षा बैठक की. इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कानून-व्यवस्था की बेहतरी के लिए जेलों की सुरक्षा को जहां तक संभव हो मजबूत करें. उन्होंने ने कहा कि जो जेलें शहरों के बीचो–बीच आ गई हैं. उनकी जमीन बेशकीमती हो गई है. इनको बेचकर शहर से 15-20 किलोमीटर दूर नई जेल बनवाएं.
छह माह में सुधार के दिए निर्देश
मुख्यमंत्री योगी ने यह भी निर्देश दिया कि कम खर्चे में बेहतर सुरक्षा के लिहाज से बहुमंजिली बैरकें बनाएं. जेल में तैनात कर्मचारियों और वहां बंद अपराधियों का गठजोड़ तोड़ने के लिए हर दो महीने में नये कर्मचारियों को तैनात करें. इसके लिए उन्होंने प्रतिनियुक्ति पर 1500 पुलिस कर्मियों की तत्काल नियुक्ति और भोजन की गुणवत्ता सुधारने के भी निर्देश दिए.
निर्माणाधीन जेलों की ली जानकारी
समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, संतकबीर नगर, इटावा और प्रयागराज में निर्माणाधीन जेलों के काम की प्रगति और कार्यदायी संस्था के बारे में भी जानकारी ली. समीक्षा के दौरान एक बार फिर निर्माण निगम की लेटलतीफी की बात आई. मुख्यमंत्री ने संस्था के साथ बैठक कर निर्माण की अवधि तय करने का निर्देश दिया.
हो कैदियों की रिहाई
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि स्वतंत्रता दिवस, शिक्षक दिवस, पंडित दीनदयाल उपाध्याय और गांधी जयंती पर तय संख्या में कैदियों को रिहा करें. 70 साल से अधिक, बीमार और अशक्त कैदियों की रिहाई के बारे में भी सोचें. वहीं बैठक के दौरान राजधानी में प्रस्तावित पुलिस एवं फारेंसिक साइंस विश्वविद्यालय की स्थापना पर भी चर्चा हुई. मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए 144 एकड़ जमीन उपलब्ध है.