लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजस्व वादों के निस्तारण में अनावश्यक लेटलतीफी पर कड़ी नाराजगी (Chief Minister Yogi Adityanath gave instructions) जताई है. उन्होंने कहा है कि 'राजस्व वादों में 'तारीख पर तारीख' की प्रवृत्ति कतई स्वीकार नहीं की जा सकती. ऐसा करने वाले लेखपाल, राजस्व निरीक्षक आदि राजस्व कर्मियों के विरुद्ध तो कार्रवाई होगी ही, आवश्यकतानुसार मंडलायुक्त और जिलाधिकारी की भी जवाबदेही तय होगी.
गुरुवार को सीएम योगी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों व पुलिस कप्तानों से संवाद किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि 'फील्ड में तैनाती जनसेवा का सबसे अच्छा अवसर होता है. इसकी तैनाती मेरिट के आधार पर ही होनी चाहिए. यदि कहीं भी सिफारिश अथवा किसी के दबाव में किसी की फील्ड पोस्टिंग की गई है तो ऐसा करना संबंधित अधिकारी के लिए अपने कॅरियर से खिलवाड़ करने जैसा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि 'अधिकारी जनता के लिए तैनात हैं, जनता से मिलना और उनकी समस्याओं का निस्तारण शीर्ष प्राथमिकता होनी चाहिए. अधिकारी और कर्मचारी ऐसा कर पाने में सक्षम न हों तो तत्काल फील्ड की तैनाती छोड़ देनी चाहिए.'
आगामी दिनों में त्योहारों को हर्ष, उल्लास और सौहार्द के साथ मनाए जाने के लिए सभी पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि 'पुलिस अधिकारी सड़क पर उतरें. त्योहार के दिनों में कुछ अराजक तत्व माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर सकते हैं. ऐसे में पुलिस को अलर्ट रहना होगा. सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का उल्लंघन कर होने वाली ऐसी गतिविधियों पर सम्बंधित पुलिस कप्तान की जवाबदेही तय की जाएगी. बैठक में मुख्यमंत्री ने सीतापुर, मीरजापुर, बलरामपुर, सहारनपुर जैसे शक्तिपीठ वाले जनपदों में नवरात्र मेले की तैयारियों के संबंध में जिलाधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. उन्होंने यह भी कहा कि त्योहारों पर हर गांव-नगर को पर्याप्त बिजली मिलनी चाहिए. लोकल फाल्ट व रोस्टरिंग के नाम पर अनावश्यक कटौती न हो, वहीं दुर्गा पंडालों में फायर सेफ्टी के निर्देश देते हुए उन्होंने पटाखों की दुकानों को आबादी से दूर लगाए जाने और इन दुकानों के लाइसेंस निर्गत करने में देर न करने के निर्देश भी दिए.