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Published : Aug 12, 2021, 7:09 PM IST

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एयरपोर्ट का निर्माण कर विधानसभा चुनाव-2022 में एक बार फिर उड़ान भरने की तैयारी में योगी सरकार

हवाई अड्डा और एयर कनेक्टिविटी के माध्यम से उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार 2022 में उड़ान भरने की तैयारी कर रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ज्यादातर शहरों को हवाई कनेक्टिविटी से जोड़ने पर जोर है.

हवाई कनेक्टिविटी से उड़ान भरने की तैयारी में योगी सरकार
हवाई कनेक्टिविटी से उड़ान भरने की तैयारी में योगी सरकार

लखनऊः योगी सरकार 2022 विधान सभा चुनाव में हवाई अड्डा और एयर कनेक्टिविटी के माध्यम से उड़ान भरने की तैयारी कर रही है. पीएम मोदी ने हवाई चप्पल वालों को हवाई यात्रा की सेवा देने का सपना देखा था. जिसे पूरा करने में योगी सरकार तेजी से काम कर रही है. आगामी चुनाव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हवाई अड्डों के विकास को भी अहम चुनावी मुद्दा बनाएंगे.

योगी सरकार से पहले 2017 में यूपी में थे केवल 4 एयरपोर्ट

योगी सरकार की अगर बात करें तो पिछले साढ़े चार सालों में एयर कनेक्टिविटी के मामले में यूपी कई विकसित राज्यों में शुमार हो गया है. 2017 में उत्तर प्रदेश में केवल चार एयरपोर्ट लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर और आगरा में क्रियाशील थे. कुल 25 गंतव्य स्थान के लिए हवाई सेवाएं थीं. लखनऊ से 15, वाराणसी से आठ, गोरखपुर से एक, आगरा से एक स्थान हवाई सेवाओं से जुड़े थे. वर्तमान में आठ एयरपोर्ट क्रियाशील हो गए हैं. इनसे कुल 71 गंतव्य स्थानों के लिए हवाई सेवाएं हैं. इनमें 59 घरेलू उड़ाने और 12 अंतर्राष्ट्रीय उड़ाने हैं. लखनऊ से 21, वाराणसी से 20, गोरखपुर से आठ, आगरा से पांच, प्रयागराज से 11, कानपुर नगर से तीन, हिंडन से दो और बरेली से एक स्थान के लिए हवाई सेवा उपलब्ध है.

बीजेपी के प्रवक्ता आलोक वर्मा ने बताया कि प्रदेश सरकार की ओर से साढ़े चार सालों में बरेली, प्रयागराज, हिंडन और कानपुर एयरपोर्ट का विकास कराया गया. इसके साथ ही 10 और एयरपोर्ट आगरा, सहारनपुर, आजमगढ़, अलीगढ़, श्रावस्ती, मुरादाबाद, चित्रकूट, अयोध्या, सोनभद्र और जेवर एयरपोर्ट का काम किया जा रहा है. इनमें से अयोध्या और जेवर एयरपोर्ट इंटरनेशनल एयरपोर्ट है.

7 हजार करोड़ से ज्यादा खर्च कर 8 हवाई अड्डे बना रही योगी सरकार

राज्य सरकार 8 हवाई अड्डा पर करीब-करीब सात हजार 76 करोड़ रुपये खर्च कर रही है. इसमें सबसे ज्यादा 5,182 करोड़ रुपये जेवर एयरपोर्ट के लिए और एक हजार करोड़ रुपये की धनराशि अयोध्या एयरपोर्ट को दी गई है. बरेली एयरपोर्ट के लिए 85.84 करोड़, प्रयागराज एयरपोर्ट के लिए 510. 73, हिंडन एयरपोर्ट के लिए 7.11 करोड़, कानपुर एयरपोर्ट के लिए 95.53 करोड़, आगरा एयरपोर्ट के लिए 153.67 करोड़ और सहारनपुर एयरपोर्ट के लिए 43.01 करोड़ रुपये राज्य सरकार ने जारी किये हैं. इसके अलावा अयोध्या एयरपोर्ट के लिए करीब 600 एकड़ भूमि की खरीद के लिए 1,001 करोड़ रुपये दिए गए हैं. ऐसे ही जेवर एयरपोर्ट के लिए 4,098.19 करोड़ की लागत से 1,334 हेक्टेयर भूमि एयरपोर्ट के विकास के लिए और जेवर एयरपोर्ट के प्रथम चरण के लिए 1,365 हेक्टेयर भूमि खरीद के लिए 2,890.72 करोड़ रुपये की लागत पर 1,084 करोड़ रुपये जारी किए हैं.

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2022 में होगा चुनावी मुद्दा

राजनीतिक विश्लेषक पीएन द्विवेदी कहते हैं कि योगी सरकार सत्ता में आने के बाद से ही एयर कनेक्टिविटी पर जोर दे रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि हवाई चप्पल पहनने वालों को भी हवाई यात्रा करने का अधिकार है. इसलिए हवाई यात्राएं इतनी सुलभ और सहज होनी चाहिए. जिससे कि आम लोग भी यात्रा कर सकें. योगी सरकार उस दिशा में तेजी से काम कर रही है. हवाई कनेक्टिविटी बढ़ने से लोगों को एक शहर से दूसरे शहर जाने में एक ओर जहां आसानी होगी, वहीं इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा. अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों के बढ़ने से बाहरी पर्यटकों का भी प्रदेश में आगमन बढ़ेगा. बाहरी पर्यटकों की संख्या में इजाफा होने से रोजगार बढ़ने के साथ-साथ प्रदेश की संस्कृति देश और दुनिया भर में जाएगी. रही बात विधानसभा चुनाव में भुनाने की तो कोई भी सरकार यही करेगी. योगी सरकार जिस तरह से नौकरी देने और काशी, मथुरा, अयोध्या में हो रहे विकास कार्यों का प्रचार-प्रसार अभी से कर रही है, उससे स्पष्ट है 2022 के चुनाव में यह अहम मुद्दा होगा.

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