लखनऊ :सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश भर के चिकित्सकों को एक सीधा संदेश दिया है. लोक भवन में मंगलवार को आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि 'जो मरीज पीड़ा में किसी चिकित्सक के पास आता है और अगर उसके साथ सहानुभूति पूर्वक व्यवहार नहीं किया जाएगा तो उसकी दुआ की उम्मीद न रखिए. मरीज के पीठ पर हाथ रखिए. उसके साथ सहानुभूति पूर्वक व्यवहार कीजिए. आपकी चर्चा होगी. वह आपके बारे में बात करेगा और दुआ भी देगा. यह बात सही है कि आप अपना करियर बनाने के लिए इस फील्ड में आए हैं, लेकिन सामाजिक सरोकारों से जुड़ना भी बहुत जरूरी है और मरीज के साथ अच्छा व्यवहार करना उसी का हिस्सा है.'
उत्तर प्रदेश को मिलेंगी और बेहतर सेवाएं : निष्पक्ष एवं पारदर्शी चयन प्रक्रिया के अंतर्गत 278 सहायक आचार्य, 2,142 स्टाफ नर्स, 48 आयुष चिकित्सा शिक्षकों को नियुक्ति पत्र का वितरण एवं आपातकालीन एंबुलेंस सेवा के अंतर्गत 674 एम्बुलेंस एवं 81 एडवांस लाइफ सपोर्ट (एएलएस) एम्बुलेंस का फ्लैग ऑफ मंगलवार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया. इस दौरान उनके साथ उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक और अन्य विशिष्ट व्यक्ति मौजूद रहे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि '2017 से पहले उत्तर प्रदेश दिमागी बुखार, इंसेफेलाइटिस जैसी बीमारियों से पीड़ित मरीजों को इलाज नहीं दे पा रहा था. हर साल सैकड़ों की संख्या में पूर्वांचल में ऐसे बच्चों की मौत होती थी, लेकिन हमारे प्रयासों ने और स्वास्थ्य सेवाओं में किए गए बदलावों के चलते 98% तक इन रोगों से होने वाली मौतों पर काबू पा लिया गया. यह इस सरकार की बड़ी सफलता है. चिकित्सकों की संख्या में वृद्धि होने एंबुलेंस बढ़ाने और स्टाफ नर्स की संख्या में बढ़ोतरी होने के साथ ही उत्तर प्रदेश को और बेहतर सेवाएं मिलेंगी.' उन्होंने ज्वाइनिंग करने वाले चिकित्सकों और स्टाफ नर्स को बड़ा संदेश दिया.