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माफिया पर नकेल के मिलेंगे दूरगामी परिणाम, मुख्तार को सजा के बाद पस्त होंगे अपराधियों के हौसले

उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने अपने कार्यकाल में बाहुबलियों और माफिया पर शिकंजा कसा है. हाल ही में एक हत्याकांड में माफिया मुख्तार अंसारी (Mafia Mukhtar Ansari) व उसके साथी को दस-दस वर्ष की सजा सुनाई है. माना जा रहा है कि अपराधियों के खिलाफ ऐसे सख्त कदम के दूरगामी परिणाम देखने को मिलेंगे. पढ़ें यूपी के ब्यूरो चीफ आलोक त्रिपाठी का विश्लेषण...

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Published : Dec 17, 2022, 12:30 PM IST

Updated : Dec 17, 2022, 1:02 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने अपने साढ़े पांच साल के कार्यकाल में बाहुबलियों और माफिया पर जिस तरह से शिकंजा कसा है, उससे अराजकतत्वों के हौसले पस्त हैं. यही नहीं हाल ही में वाराणसी के बहुचर्चित अवधेश राय हत्याकांड में माफिया सरगना मुख्तार अंसारी (Mafia Mukhtar Ansari) और उसके साथी भीम सिंह को दस-दस वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई. इस सजा से भी एक संदेश गया कि अपराध को पेशा बनाने वालों को समझना होगा कि ऐसा करने पर उनकी जिंदगी जेल में ही बीतेगी. गौरतलब है कि अवधेश राय कांग्रेस के बहुचर्चित नेता अजय राय के बड़े भाई थे.


प्रदेश में योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) के मुख्यमंत्री रहते जिस तरह से अपराधियों और अराजकतत्वों पर कार्रवाई हुई है, वह एक नजीर बन गई है. सरकार ने अराजकतत्वों के खिलाफ कार्रवाई के लिए पुलिस और प्रशासन को खुली छूट दी, जिसका नतीजा है कि अब तक सैकड़ों करोड़ की संपत्ति जब्त की गई और अकूत संपत्ति की कुर्की भी हुई. तमाम अपराधी मुठभेड़ों में ढेर हुए, तो हजारों को सलाखों के पीछे पहुंचाया गया. मुख्तार अंसारी जैसे माफिया जिनसे कई बार भटके हुए युवा प्रेरणा लेने लगते थे, अब उसका हश्र देखकर अपराध की दुनिया से दूर रहने में ही भलाई समझेंगे. मुख्तार का यह पहला मामला है जब किसी ट्रायल कोर्ट ने उसे सजा सुनाई है. इससे पहले हाईकोर्ट से मुख्तार अंसारी को दो मुकदमों में सजा सुनाई जा चुकी है. इनमें एक मामला गैंगस्टर एक्ट से जुड़ा था, जिसमें पांच साल की सजा हुई थी, तो दूसरा मामला जेलर को धमकाने का था, जिसमें सात साल की सजा सुनाई गई थी. मुख्तार अंसारी पर 59 मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें से लगभग बीस में ट्रायल चल रहा है. सरकार ने मुख्तार अंसारी की कमर तोड़ते हुए अब तक उसकी और उनके करीबियों की 289 करोड़ की संपत्ति जब्त की है. साथ ही 282 करोड़ के अवैध कब्जों और निर्माणों पर बुलडोजर चलाया जा चुका है. निश्चित रूप से किसी भी माफिया का यह हश्र देखने के बाद अपराधियों की रूह कांप जाएगी. गौरतलब है कि मुख्तार अंसारी से ईडी भी पूछताछ कर रही है. इस पूछताछ का मकसद मुख्तार और उसके परिवार के लोगों की बेनामी संपत्ति आदि का पता लगाना है.

मुख्तार अंसारी

एक दौर था जब सत्ता के गलियारों में सफेद चोला पहनकर अपराधी मंडराया करते थे. उनकी अपनी पहुंच और रसूख होता था, हालांकि धीरे-धीरे अब वह दौर खत्म हो रहा है. अपवाद छोड़ दें तो प्रदेश में अपराध की दुनिया में सक्रिय ज्यादातर सफेदपोश अब सलाखों के पीछे हैं. ऐसे ही प्रयागराज के एक माफिया, जो सांसद भी हुआ करते थे, अब सलाखों के पीछे हैं. इनका नाम था अतीक अहमद. इनके अपराधों की दुनिया को नेस्तनाबूत करते हुए पुलिस और प्रशासन ने पिछले दिनों इनकी 160 करोड़ से अधिक की संपत्ति जब्त की है. प्रयागराज में इस वर्ष माफिया और गुंडों की कुल 210 करोड़ से अधिक की संपत्ति कुर्क की जा चुकी है.

मुख्तार अंसारी

निश्चित रूप से अपराधियों के खिलाफ ऐसे सख्त कदम उठाने के लिए सरकार की इच्छाशक्ति भी बहुत जरूरी है. योगी आदित्यनाथ की सरकार ने यह कर दिखाया है. अपराधियों पर इस तरह की कड़ी कार्रवाई से जनता में विश्वास बढ़ता है और उद्योगों को भी बढ़ावा मिलता है. यही नहीं अपराधियों को संरक्षण देने वाले नेताओं और राजनीतिक दलों में भी डर पनपता है. अगले वर्ष कई अन्य बड़े अपराधियों पर अदालती फैसले आने की उम्मीद है. उम्मीद की जानी चाहिए कि आने वाले वक्त में पीड़ितों को न्याय और अपराधियों को सजा जरूर मिलेगी.

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Last Updated : Dec 17, 2022, 1:02 PM IST

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