रायपुर:उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में 2 जुलाई की रात पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ हुई थी. इस मुठभेड़ में 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे. मुख्य आरोपी विकास दुबे को आज मध्य प्रदेश के उज्जैन से गिरफ्तार किया गया है. 6 दिन से आरोपी की तलाश जारी थी. विकास दुबे की गिरफ्तारी के साथ ही सवाल उठने शुरू हो गए हैं. छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने एक के बाद एक ट्वीट करके सवाल दागे हैं. कांग्रेस ने अपने ट्वीट में गिरफ्तारी की जगह सरेंडर लिखा है.
छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने पहला ट्वीट करीब 11.30 बजे किया. मध्य प्रदेश के गृह मंत्री के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए लिखा है कि उत्तर प्रदेश चुनाव में नरोत्तम मिश्रा कानपुर के इंचार्ज थे, ऐसी खबर है. विकास दुबे ने मध्य प्रदेश में सरेंडर किया है, नरोत्तम मिश्रा वहां के गृह मंत्री हैं. मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने विकास दुबे की गिरफ्तारी को पुलिस की बड़ी कामयाबी है बताया है.
ट्वीट-
इसके बाद करीब फिर एक ट्वीट छत्तीसगढ़ कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से हुआ, जिसमें बीजेपी के ट्वीट को रिट्वीट किया गया है. इसमें पीएम मोदी के एक बयान पर छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने लिखा कि, 'एक पल को लगा कि ये "विकास दुबे" का बयान है'. बीजेपी के ट्वीट में लिखा था कि, 'सावन का महीना चल रहा है, ऐसे में बाबा के चरणों में आने का मन हर किसी का करता है. लेकिन जब बाबा की नगरी के लोगों से रूबरू होने का मौका मिला है तो ऐसा लगता है कि आज मेरे लिए एक दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है'.
इसके बाद कांग्रेस की तरफ से एक वीडियो जारी किया गया है कि जिसमें नरोत्तम मिश्रा और उज्जैन में गिरफ्तारी को लेकर सवाल उठाए गए हैं.
कानपुर मुठभेड़ में कब क्या हुआ?
2 जुलाई: विकास दुबे को गिरफ्तार करने करने के लिए 2 जुलाई की रात 3 थानों की पुलिस ने बिकरू गांव में दबिश दी. इस दौरान विकास की गैंग ने डिप्टी एसपी समेत 8 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी.
3 जुलाई: पुलिस ने सुबह 7 बजे विकास के मामा प्रेम प्रकाश पांडे और सहयोगी अतुल दुबे का एनकाउंटर कर दिया. 20-22 नामजद समेत 60 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई. बदमाशों की धरपकड़ के लिए एक ओर STF को लगा दिया गया और विकास दुबे की गिरफ्तारी के लिए 40 टीमें लगाई गईं.
4 जुलाईः विकास दुबे को दबिश से पहले सूचना देने के मामले में संदिग्ध चौबेपुर थाना अध्यक्ष विनय तिवारी से एसटीफ ने पूछताछ की. वहीं कई पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया और पूछताछ शुरू की गई.
5 जुलाई: पुलिस ने विकास के नौकर और खास सहयोगी दयाशंकर अग्निहोत्री उर्फ कल्लू को घेर लिया. इस दौरान हुई मुठभेड़ में पुलिस की गोली लगने से दयाशंकर जख्मी हो गया. उसने खुलासा किया कि विकास को दबिश से पहले थाने से फोन आया था और उसने अपने साथियों को बुलाकर पुलिसकर्मियों पर हमला किया था.
6 जुलाई: पुलिस ने अमर दुबे की मां क्षमा दुबे और दयाशंकर की पत्नी रेखा समेत 3 को गिरफ्तार किया. शूटआउट की घटना के वक्त पुलिस ने बदमाशों से बचने के लिए क्षमा दुबे का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन क्षमा ने मदद करने की बजाय बदमाशों को पुलिस की लोकेशन बता दी. रेखा भी बदमाशों की मदद कर रही थी.
7 जुलाईः शहीद पुलिस वालों के घरों में जाकर मंत्रियों ने 1 करोड़ की धनराशि दी थी. इस दिन STF ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा था कि चौबेपुर थाने के एक दारोगा और एक सिपाही ने दबिश के पहले विकास दुबे से फोन पर बात की थी. निलंबित पुलिसकर्मियों में इन दोनों का नाम शामिल है.
8 जुलाई: एसटीएफ ने विकास के करीबी अमर दुबे को मार गिराया. प्रभात मिश्रा उर्फ कार्तिकेय समेत कई बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया. इसी मामले में चौबेपुर के पूर्व एसओ विनय तिवारी और बीट इंचार्ज केके शर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया. ये दोनों एनकाउंटर के वक्त मौजूद थे, लेकिन बीच में ही उस जगह को छोड़कर चले गए थे.
9 जुलाई: प्रभात मिश्रा उर्फ कार्तिकेय और रणबीर शुक्ला उर्फ बउआ एनकाउंटर में मारे गए. वहीं 9 जुलाई को ही विकास दुबे उज्जैन से गिरफ्तार किया गया.