लखनऊ : छठ पूजा पर इस बार महंगाई का असर दिखाई दे रहा है. पूजन सामग्री के मूल्य में 10 से 40 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है. हांलाकि, आस्था के इस महापर्व को मनाने का खास उत्साह लोगों में नजर आ रहा है. महिलाओं ने शुक्रवार को नहाय खाय किया. इस दिन व्रती महिलाएं सुबह नहाकर पूजा पाठ करके प्रसाद ग्रहण करती हैं.
मान्यता है कि, छठ पूजा करने से परिवार की समृद्धि बढ़ने के साथ कष्टों का निवारण होता है. शुक्रवार को नहाय खाय के साथ छठ पूजा की शुरुआत हुई. पहले दिन श्रद्धालुओं ने चावल, लौकी की सब्जी और चने की दाल प्रसाद के रूप में ग्रहण किया. छठ के दूसरे दिन शनिवार को महिलाएं दिन भर उपवास रखेंगी और शाम को खरना करती हैं. शाम को सूर्यास्त होने पर भगवान सूर्य की पूजा के बाद महिलाएं सिर्फ एक बार दूध और गुड़ से बनी खीर का प्रसाद ग्रहण करती हैं. इसके बाद उनका 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो जाता है. छठ पूजा का समापन सोमवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देकर होगा. पूजन सामग्री पर महंगाई की मार के बाद भी छठ पर्व को लेकर लोगों में श्रद्धा व उल्लास है. शहर की एक दुकान पर पूजन सामग्री खरीदने पहुंची सरोजनी देवी ने बताया कि 'आठ वर्षों से यह व्रत कर रही हैं. पूजन सामग्री के दाम जरूर बढ़ गए हैं, लेकिन छठ पूजा पूरी श्रद्धाभाव से करेंगी. अपने बजट के अनुसार सामग्री खरीद रही हैं.
पूजन सामग्री | वर्तमान मूल्य (लगभग) |
डलिया सेट (फल व पूजन सामग्री समेत) | 1500 रुपये |
बांस की सुपली | 80 रुपये |
सिंघाड़ा (प्रति किग्रा.) | 55 रुपये |
सेब (प्रति किग्रा.) | 100 रुपये |
शरीफा (प्रति किग्रा.) | 140 रुपये |
केला (दर्जन में) | 50 रुपये |
अमरूद (प्रति किग्रा.) | 60 रुपये |
संतरा (प्रति किग्रा.) | 100 रुपये |
सिंदूर पैकेट | 20 रुपये |
नारियल | 50 रुपये पीस |
अन्नानास | 80 रुपये पीस |
तरबूज (प्रति किग्रा.) | 40 रुपये |
निशातगंज की रहने वाली शुभांगी वर्मा ने बताया कि 'पिछले छह साल से वह छठ का व्रत रह रही हैं. दरअसल, पहले उनकी सास छठी मैया का व्रत रहती थीं, लेकिन जब सास की तबीयत अधिक खराब रहने लगी तो उनका व्रत बहू ने ले लिया. उन्होंने बताया कि वैसे तो वह बलिया की रहने वाली हैं, लेकिन फिलहाल पिछले कुछ वर्षों से लखनऊ में ही रह रही हैं. लखनऊ में भी उतने ही धूमधाम से छठ महापर्व को मनाया जाता है, जितना पूर्वांचल में मनाया जाता है. उन्होंने बताया कि शुक्रवार सुबह नहाय खाय से व्रत की शुरुआत हुई है. कल खरना होगा. उसके बाद 36 घंटे का पूरा व्रत निर्जल रहेंगे.'
हजरतगंज की रहने वाली ममता चौधरी ने बताया कि 'छठ महापर्व हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है. इस दिन हम बड़े ही हर्षोल्लास के साथ महापर्व को मानते हैं. 36 घंटे का निर्जल उपवास होता है. नहाय खाय से व्रत की शुरुआत हुई है. उन्होंने कहा कि छठी मैया का व्रत रहने से घर में सुख समृद्धि बनी रहती है. छठी मैया सारे दुख हर लेती हैं.'